नई दिल्लीः भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को पत्र लिखा। पत्र में लिखा है, "चुनाव आयोग ने आज दोपहर 12 बजे बातचीत के लिए समय दिया है।" अभी तक कांग्रेस सांसद जयराम रमेश की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। रमेश को लिखे एक पत्र में, भारत निर्वाचन आयोग के सचिवालय ने कहा कि उसने सोमवार दोपहर "कुछ" राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत के लिए समय दिया है। एएनआई समाचार एजेंसी द्वारा साझा किए गए पत्र में लिखा है, "चुनाव आयोग ने आज दोपहर 12:00 बजे बातचीत के लिए समय दिया है।"
पत्र के अनुसार, यह जयराम रमेश द्वारा "कुछ राजनीतिक दलों की ओर से" इस तरह की नियुक्ति के अनुरोध के जवाब में है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस के अनुरोध पर ऐसी नियुक्ति निर्धारित की है या नहीं। बैठक का एजेंडा तुरंत ज्ञात नहीं हो सका। आयोग ने इस नियुक्ति के लिए तीस लोगों के नाम और उनके वाहन नंबर भी मांगे हैं।
विपक्षी दलों के सैकड़ों सांसद सोमवार को संसद से दिल्ली स्थित चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकालने वाले थे। वे 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित "वोट चोरी" के विरोध में मार्च निकालने वाले थे, जैसा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया है।
हालांकि, दिल्ली पुलिस द्वारा इस मार्च की अनुमति दिए जाने की संभावना नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर बात करते हुए, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस की अनुमति के लिए कोई औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत नहीं किया गया है।
INDIA ब्लॉक के नेता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों के विरोध में संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च निकालने वाले हैं। इसके मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और परिवहन भवन के बाहर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं।
भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने चुनाव में धांधली के दावों को लेकर INDI ब्लॉक के सांसदों द्वारा संसद से चुनाव आयोग कार्यालय की ओर मार्च करने पर कहा, "वे पहले दिन से ही सदन चलने नहीं दे रहे हैं... राहुल गांधी जिस तरह चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे हैं उस पर चुनाव आयोग सबूत मांग रहा है कि अगर आपके पास कोई सबूत हो तो वह दिखाएं। तेजस्वी यादव के पास खुद 2 EPIC कार्ड हैं... जनता के कल्याण के लिए जो योजनाएं हैं, उन पर चर्चा करनी चाहिए..."
‘‘चुनाव में धोखाधड़ी’’ के मुद्दे पर विपक्षी दलों के निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च से पहले दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य दलों के सदन के नेताओं के नेतृत्व में विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के सांसद पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे संसद भवन से निर्वाचन आयोग (ईसी) तक मार्च शुरू करेंगे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी विरोध मार्च के लिए अनुमति नहीं मांगी।
विरोध मार्च से पहले दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारी ने कहा कि रास्ते में कई जगहों पर अवरोधक लगाए गए हैं और व्यवस्था बनाए रखने एवं किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग कार्यालय और आसपास की सड़कों पर अतिरिक्त सुरक्षा वाहन और त्वरित प्रतिक्रिया दल भी तैनात किए गए हैं।
गांधी ने पिछले हफ्ते प्रेस वार्ता में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग के बीच ‘‘मिलीभगत’’ के जरिए चुनाव में ‘‘बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी’’ का आरोप लगाया था। उन्होंने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा था कि यह ‘‘संविधान के खिलाफ अपराध’’ है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जिसमें 11,965 ‘डुप्लीकेट’ (एक मतदाता के नाम मतदाता सूची में अनेक जगह होना) मतदाता, 40,009 फर्जी एवं अमान्य पते वाले मतदाता, 10,452 ‘बल्क’ या बड़ी संख्या में एक ही पते पर पंजीकृत मतदाता, 4,132 फर्जी फोटो वाले मतदाता और 33,692 नए मतदाता के प्रपत्र छह का दुरुपयोग करके जोड़े गए मतदाता शामिल हैं।