चुनाव आयोग ने आरटीआई अधिनियम के तहत चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है। आयोग का कहना है कि आरटीआई अधिनियम के नियम 8 (1) (जी) के तहत सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है। आयोग ने यह बात पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विहार दुर्वे की आरटीआई पर कई है।
चुनाव आयोग ने कहा कि वैसी सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है जोकि किसी भी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरे में डाले। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता मामले में क्लीनचिट देने पर अशोक लवासा ने असहमति जताई थी।
जानिए, क्या है विवाद
ऐसी खबरें आई थीं कि आचार संहिता मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयोग के सदस्य अशोक लवासा ने आयोग की बैठकों में शामिल नहीं से इनकार किया था। अशोक लवासा ने पीएम मोदी और अमित शाह के क्लीन चिट पर असहमति जताई थी। उनकी असहमति को 'ऑन रिकॉर्ड' नहीं रखे जाने की थी। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा था कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।