कोराना वायरस संकट के बीच हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक भूकंप के झटके दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर महसूस किए गए, जिसका केंद्र धर्मशाला से 19 किलोमीटर दूर उत्तर में था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है और अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर है और अब तक भारत में अब तक कोरोना वायरस की चपेट में 29435 लोग आ चुके हैं। देशभर में कोरोना वायरस के कारण अब तक 934 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 6868 लोग ठीक भी हुए हैं। एक व्यक्ति देश के बाहर चला गया है और अभी भी भारत में कोरोना वायरस के 21632 एक्टिव केस मौजूद हैं।
कोरोना वायरस के संकट के बीच भूकंप आने से लोगों में डर का माहौल है। बता दें कि 12 और 13 अप्रैल को दिल्ली मे भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, लेकिन इनकी तीव्रता भी काफी कम थी।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।कितनी तबाही लाता है भूकंप?
| रिक्टर स्केल | असर |
| 0 से 1.9 | सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है। |
| 2 से 2.9 | हल्का कंपन। |
| 3 से 3.9 | कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर। |
| 4 से 4.9 | खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं। |
| 5 से 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है। |
| 6 से 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। |
| 7 से 7.9 | इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं। |
| 8 से 8.9 | इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा। |
| 9 और उससे ज्यादा | पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। |
* भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।