नई दिल्ली: रूस से भारत के ऊर्जा आयात का बचाव करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि यूरोपीय संघ ने अगले 10 देशों की तुलना में फरवरी और नवंबर के बीच रूस से अधिक जीवाश्म ईंधन का आयात किया था। उन्होंने कहा कि यह भारत द्वारा आयात किए गए आयात का छह गुना है। जयशंकर ने सोमवार को जर्मनी की उनकी समकक्ष एनालेना बेयरबॉक संग द्विपक्षीय चर्चा की मेजबानी करने के बाद ये टिप्पणी की।
व्यापक स्तर की वार्ता द्विपक्षीय सहयोग, विशेष रूप से ऊर्जा, व्यापार और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में बढ़ाने पर केंद्रित थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "यूरोपीय संघ में तेल का आयात भारत द्वारा आयात किए गए तेल का छह गुना है। गैस अनंत गुना है क्योंकि हम इसे आयात नहीं करते हैं।" बता दें कि बेयरबॉक दो दिवसीय यात्रा के लिए सोमवार सुबह नई दिल्ली पहुंचीं।
उन्होंने कहा, "भारत सरकार ने न केवल जी20 में बल्कि अपने लोगों के लिए घरेलू स्तर पर भी महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। जब नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार की बात आती है, तो भारत पहले से कहीं अधिक ऊर्जा परिवर्तन के साथ आगे बढ़ना चाहता है। जर्मनी भारत के साथ खड़ा है।" पिछले महीने अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा था कि भारत रूस से जितना चाहे उतना तेल खरीद सकता है।
उन्होंने कहा था, "भारतीय तेल कंपनियां किसी भी मूल्य निर्धारण पर रूस के साथ सौदा करना चुन सकती हैं, लेकिन वे बीमा, वित्त और समुद्री सेवाओं जैसी पश्चिमी सेवाओं का उपयोग नहीं कर सकती हैं, जो रूसी ईंधन आयात पर मूल्य सीमा से बंधी हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, रूस ने कैप लागू करने वाले देशों को तेल की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है।