NCP-कांग्रेस की आंतरिक रस्साकशी की वजह से अटका मंत्रालयों का बंटवारा, आदित्य ठाकरे संभालेंगे ये मंत्रालय
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 31, 2019 08:22 AM2019-12-31T08:22:54+5:302019-12-31T08:22:54+5:30
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार गृह मंत्रालय अनिल देशमुख को देना चाहते हैं.
अतुल कुलकर्णी
महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. लेकिन, पार्टियों के भीतर चल रही रस्साकशी की वजह से मंत्रालयों का बंटवारा अटक गया है. गृह मंत्रालय को लेकर एनसीपी में और राजस्व मंत्रालय को लेकर कांग्रेस में खींचातानी चल रही है. यह पहले ही तय हो गया है कि कौन सा मंत्रालय किसके हिस्से में आएगा. लेकिन, किस मंत्री को कौन सा मंत्रालय दिया जाए, इसको लेकर कांग्रेस में और एनसीपी में आंतरिक खींचातानी चल रही है.
सूत्रों के अनुसार शरद पवार ने अनिल देशमुख को गृह और दिलीप वलसे पाटिल को कामगार मंत्रालय देना तय किया है. कहा जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त व नियोजन, जयंत पाटिल को जलसंपदा, छगन भुजबल को अन्न व नागरी आपूर्ति, धनंजय मुंडे को सामाजिक न्याय, नवाब मलिक को राज्य उत्पादन शुल्क और वक्फ, जितेंद्र आव्हाड़ को गृहनिर्माण, राजेंद्र शिंगणे को मेडिकल शिक्षा तथा राजेश टोपे को उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्रालय दिया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार इन मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर मंत्रियों में नाराजगी है. किसी को भी अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय देना मंजूर नहीं है. शरद पवार का आग्रह था कि जयंत पाटिल गृह मंत्रालय लें, लेकिन उनको जलसंपदा मंत्रालय चाहिए. नवाब मलिक ने कामगार मंत्रालय पर दावा किया है. वे उत्पादन शुल्क मंत्रालय वलसे पाटिल को देने के लिए तैयार हैं. धनंजय मुंडे को सामाजिक न्याय के बजाय जलसंपदा व सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय चाहिए. भुजबल भी अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्रालय से संतुष्ट नहीं हैं.
कांग्रेस के हिस्से में राजस्व, ऊर्जा, लोकनिर्माण, मेडिकल शिक्षा, महिला व बालकल्याण, आदिवासी विकास, दुग्धविकास व पशुसंवर्धन, वस्त्रोद्योग, वैद्यकीय शिक्षा, स्कूली शिक्षा मंत्रालय आए हैं. कहा जा रहा है कि राजस्व मंत्रालय बालासाहब थोरात के पास रहेगा. अशोक चव्हाण को ऊर्जा व लोकनिर्माण मंत्रालय चाहिए. विजय वडेट्टीवार व नितिन राऊत ने भी लोकनिर्माण मंत्रालय पर दावा किया है.
शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे को पर्यावरण व सांस्कृतिक कार्य मंत्रालय मिलना लगभग तय है. कहा जा रहा है कि मंत्री पद नहीं मिलने से कांग्रेस, एनसीपी व शिवसेना तीनों पार्टियों में नाराजगी है. शिवसेना नेता सांसद संजय राऊत के भाई सुनील राऊत को मंत्री नहीं बनाया गया. इसको लेकर वे नाराज हैं और शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं.
प्रणीति शिंदे को मंत्री नहीं बनाए जाने से सोलापुर के कांग्रेसी नाराज हैं. पश्चिम विदर्भ को स्थान नहीं दिए जाने से वहां के लोगों में भी नाराजगी है. संग्राम थोपटे को मंत्री नहीं बनाए जाने से पुणे की भोर तहसील के कांग्रेस कार्यकर्ता क्षुब्ध हैं. वहां के कुछ नगरसेवकों ने तो इस्तीफा देने तक की बात कही है.
कहा जा रहा है कि माजलगांव (बीड़) के एनसीपी के विधायक प्रकाश सोलंकी भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं. वे शरद पवार व प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल से मिलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले हैं.
आज निकलेगा हल
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बालासाहब थोरात के साथ सभी मंत्री, महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव के.सी. वेणुगोपाल मंगलवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. उसके बाद पार्टी के भीतर मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर चल रहे मतभेदों का हल निकलने की संभावना है.