लाइव न्यूज़ :

डीआरडीओ को लंबी दूरी के मल्टीपल बैरल रॉकेट विकसित करने की अनुमति मिली, मारक क्षमता 350 किमी तक होगी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 28, 2023 3:57 PM

भारतीय सेना को संभावित खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए इससे भी अधिक दूरी तक मार करने वाले रॉकेटों की आवश्यकता है। जरूरतों को देखते हुए डीआरडीओ को 150 और 250 किमी की रेंज वाले दो नए निर्देशित रॉकेट विकसित करने की अनुमति दी गई है।

Open in App
ठळक मुद्देडीआरडीओ एक खास प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हैलंबी दूरी के मल्टीपल बैरल रॉकेट विकसित करने का काम सौंपा गयाअधिक दूरी तक मार करने वाले रॉकेटों की आवश्यकता है

नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)  भारतीय सेना की जरूरतों को देखते हुए एक खास प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। दरअसल डीआरडीओ को भारतीय सेना के लिए लंबी दूरी के मल्टीपल बैरल रॉकेट (एमबीआरएल) विकसित करने का काम सौंपा गया है। नए रॉकेटों की मारक क्षमता 350 किमी तक होगी। ये मल्टीपल बैरल रॉकेट अगर सेना को मिल गए तो भारतीय सेना की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

रक्षा और सैन्य मामलों से जुड़ी खबरों की वेबसाइट आईडीआरडब्ल्यू डॉट कॉम के अनुसार नए एमबीआरएल का विकास भारत की बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए किया जा रहा है। इसकी सबसे ज्यादा जरूरत चीन से बढ़ते तनाव को देखते हुए महसूस की जा रही है। भारतीय सेना संभावित खतरों को प्रभावी ढंग से रोकने और जवाब देने के लिए लंबी दूरी के रॉकेट की तलाश कर रही है। फिलहाल भारतीय सेना डीआरडीओ द्वारा ही विकसित किए गए पिनाका एमबीआरएल का प्रयोग कर रही है। लेकिन पिनाका की रेंज केवल 95 किमी है। 

भारतीय सेना को संभावित खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए इससे भी अधिक दूरी तक मार करने वाले रॉकेटों की आवश्यकता है। जरूरतों को देखते हुए डीआरडीओ को  150 और 250 किमी की रेंज वाले दो नए निर्देशित रॉकेट विकसित करने की अनुमति दी गई है। अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो इन रॉकेट्स की मारक क्षमता 350 किमी तक बढ़ाई जाएगी। 

निजी क्षेत्र की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया को भी दो लंबी दूरी के मल्टीपल बैरल रॉकेट विकसित करने की अनुमति मिली है। इनके नाम  महेश्वरास्त्र- 1 और महेश्वरास्त्र- 2 होंगे। महेश्वरास्त्र 1 की रेंज 150 किमी होगी, जबकि महेश्वरास्त्र 2 की रेंज 290 किमी होगी।  इन नए रॉकेटों का विकास अगले वर्ष के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। विकसित होने के बाद भारतीय सेना उन्हें सेवा में शामिल करने से पहले व्यापक परीक्षण और मूल्यांकन करेगी। इन लंबी दूरी की एमबीआरएल का विकास भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 

टॅग्स :भारतीय सेनाDefenseडीआरडीओमिसाइलचीन
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारAI Jobs: दुनिया के तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक भारत, रेड हैट सीईओ मैट हिक्स ने कहा- एआई पर अगर ठीक से काम हो तो मूल्य सृजन होगा और नए उद्योग को जन्म...

विश्वकहां हैं 11वें पंचेन लामा! अमेरिका ने चीन से किया सवाल, 6 साल की उम्र हुआ था अपहरण, 27 साल से लापता हैं

विश्वपरमाणु युद्ध हुआ तो दुनिया में सिर्फ दो देशों में ही जीवन बचेगा, लगभग 5 अरब लोग मारे जाएंगे, होंगे ये भयावह प्रभाव, शोध में आया सामने

भारतवायुसेना को जुलाई में मिल सकता है पहला तेजस Mk-1A जेट, मार्च 2025 तक 18 विमान सौंपने के निर्देश

कारोबारIndia-China Foreign Investment: भारत को बंपर फायदा, चीन में विदेशी निवेश कम, संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ ने कहा- भारत में निवेश कर रही पश्चिमी कंपनी, आखिर क्या है पीछे की वजह!

भारत अधिक खबरें

भारतदिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक से बचने के लिए जारी की एडवाइजरी, जानिए किन रूट्स पर रहेगा असर

भारतब्लॉग: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन बढ़ना अच्छा संकेत

भारतLok Sabha Elections 2024: ''करण भूषण सिंह गोंडा के युवाओं से जुड़े हुए हैं, हर कोई उनकी उम्मीदवारी से खुश है'', बेटे नामांकन पर बोले बृज भूषण सिंह

भारतLok Sabha Elections 2024: "वोट लोकतंत्र के लिए, प्यार और भाईचारे के लिए करें, नफरत और तानाशाही के लिए नहीं", पांचवें चरण की वोटिंग में मल्लिकार्जुन खड़गे ने मतदाताओं से कहा

भारतLok Sabha Elections 2024: "वोटिंग जाति से ऊपर उठकर हो रही है, भाजपा को यूपी और बिहार में यादवों ने भी वोट दिया है". अमित शाह ने कहा