लाइव न्यूज़ :

वीडियो: पलक झपकते ही तबाह हो जाएंगे दुश्मन के ड्रोन, DRDO ने मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: March 01, 2024 12:18 PM

VSHORADS एक दोहरे थ्रस्ट सॉलिड मोटर द्वारा संचालित होता है और इसका उपयोग कम दूरी पर कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए किया जाएगा।

Open in App
ठळक मुद्देDRDO ने मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण कियाकम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) का सफल परीक्षणVSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) है

नई दिल्ली:  रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 28 और 29 फरवरी को ओडिशा के चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइल के दो उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किए। DRDO ने इस सफल परीक्षण का वीडियो भी जारी किया है। बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) की सबसे खास बात ये है कि इसके लिए किसी भारी-भरकम लॉचर की जरूरत नहीं पड़ती। बेहद छोटे जमीन पर रखकर संचालित किए जाने वाले लॉंचर से इसे दागा जा सकता है।

इस प्रणाली के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "ये परीक्षण अलग-अलग अवरोधन परिदृश्यों के तहत उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्यों के खिलाफ किए गए थे। सभी परीक्षण उड़ानों के दौरान, मिशन के उद्देश्यों को पूरा करते हुए, लक्ष्यों को मिसाइलों द्वारा रोका और नष्ट कर दिया गया था।"

VSHORADS एक दोहरे थ्रस्ट सॉलिड मोटर द्वारा संचालित होता है और इसका उपयोग कम दूरी पर कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार VSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने अपने निजी भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित किया  है।

VSHORADS के सफल परीक्षण के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने  विकास परीक्षणों में शामिल DRDO, सेना और उद्योगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह मिसाइल सशस्त्र बलों को तकनीकी बढ़ावा देगी।

VSHORADS के सफल परीक्षण के बाद जल्द ही इसे भारतीय सेनाओं में भी शामिल किया जाएगा। चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर इस प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण इस्तेमाल होगा। भारत के पास आकाश-एनजी सिस्टम पहले से ही मौजूद है जो दुश्मन के लड़ाकू विमान और अन्य खतरों को तबाह कर सकता है। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश की  मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक की है। खास बात यह भी है कि 25 किमी की दूरी पर एकसाथ 4 हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने में आकाश मिसाइल प्रणाली सक्षम है। 

टॅग्स :डीआरडीओभारतीय सेनाचीनपाकिस्तानराजनाथ सिंहDefense
Open in App

संबंधित खबरें

भारतLok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति के बैठक की अध्यक्षता की, यूपी पर हुई विशेष चर्चा, जानिए भाजपा दिग्गजों के बीच मंथन का मुद्दा

भारतPowerful Indians in 2024: मोदी हैं नंबर-1-नंबर 2 हैं अमित शाह, 100 शक्तिशाली भारतीयों की लिस्ट हुई जारी

भारतLok Sabha Elections 2024: लोकसभा टिकटों पर अनिश्चितता के बादल, जय पांडा, आरसीपी सिंह का क्या होगा?

भारत1993 Serial Bomb Blasts News: लश्कर ए तय्यबा आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को कोर्ट ने बरी किया, 1993 सीरियल बम ब्लास्ट मामला

क्राइम अलर्टChinese Loan Apps: 123 करोड़ रुपये जब्त, चीनी नियंत्रण वाले सट्टेबाजी और कर्ज वितरण ऐप के खिलाफ एक्शन, मुंबई, चेन्नई और कोच्चि में तलाशी, जानें

भारत अधिक खबरें

भारतBihar CM Nitish Kumar turns 73 today: 73 वर्ष के हो गए सीएम नीतीश!, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन 71 वर्ष के हुए, पीएम मोदी ने जन्मदिन पर दी बधाई

भारत"कांग्रेस का इतिहास बनना तय है, एनडीए 400 से अधिक सीटों की ओर बढ़ रहा है", असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने पुराने दल पर साधा बेहत तीखा निशाना

भारतब्लॉग: जलवायु परिवर्तन से भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा प्रभाव

भारतब्लॉग: महान गोदावर्मन के ऋणी हैं हम

भारतब्लॉग: सूरज से घर रौशन करने की नायाब पहल