नई दिल्लीः रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक एंटी-ड्रोन सॉल्यूशन और तकनीक विकसित किया है, जो कमांड एंड कंट्रोल लिंक के जैमिंग के जरिए या लेजर-आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन के जरिए ड्रोन के इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचाकर माइक्रो ड्रोन को नीचे ला सकती है। यह ड्रोन लेजर हथियारों के वाट क्षमता के आधार पर तीन किलोमीटर तक के माइक्रो ड्रोन का पता लगा सकती है। ये ड्रोन ढाई किलोमीटर तक के लेजर लक्ष्य को पा सकती है।
इसे दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए भी तैनात किया गया है। इस एंटी ड्रोन सिस्टम को दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह की निगरानी के लिए लाया गया है। इस सिस्टम के जरिए भारत अपने सीमावर्ती इलाकों में जासूस ड्रोन्स पर निगाह रख सकता है और उन्हें खत्म भी कर सकता है।
पिछले महीने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने पी-7 हेवी ड्रॉप सिस्टम विकसित किया था। इसके जरिए 7-टन वजन तक के सैन्य उपकरणों को आईएल 76 विमान से नीचे गिराया जा सकेगा। पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम की मदद से दुर्गम स्थलों पर सैन्य वाहनों को उतारा जा सकेगा। इससे ये फायदा होगा कि दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा।
इस ड्रोन का नाम भारत रखा गया। पूर्वी लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में सटीक निगरानी रखने के लिए भारत नाम का अपना स्वदेशी ड्रोन बनाया गया। भारत ड्रोन को इंडियन आर्मी को सौंप दिया गया था।