दिल्ली: बुद्ध पूर्णिमा के दिन नेपाल दौरे पर गये भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारत सरकार लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में डॉ आम्बेडकर बौद्ध अध्ययन पीठ की स्थापना करने में सहयोग करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में की। डॉ आम्बेडकर बौद्ध अध्ययन पीठ की स्थापना के साथ भारत और नेपाल के बीच कई अन्य विषयों पर भी समझौते हुए और दोनों पक्षों की ओर से समझौता पत्र पर दस्तखत किये गये।
इस मामले में जानकारी देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच बौद्ध अध्ययन के लिए डॉ अंबेडकर चेयर की स्थापना के समझौता पत्र पर मुहर लगी।
इसके साथ ही भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और त्रिभुवन विश्वविद्यालय के बीच भारतीय अध्ययन के आईसीसीआर चेयर की स्थापना, आईसीसीआर और काठमांडू विश्वविद्यालय (केयू) के बीच भारतीय अध्ययन के लिए भी समझौता ज्ञापन साइन किया गया।
इसके अलावा आईआईटी मद्रास और काठमांडू विश्वविद्यालय के बीच संयुक्त डिग्री कार्यक्रम के लिए भी समझौता पत्र (एलओए) को मंजूरी दी गई। इनके अलावा भी भारत और नेपाल के बीच में कई अन्य योजानाओं पर सहयोग के लिए समझौते पर सहमती जताई गई।
मालूम हो कि दोनों देशों के बीच हुए इन समझौंतो से पहले प्रधानमंत्री मोदी भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी पहुंचे। जहां नेपास की सरकार ने उनका भव्य स्वागत किया। लुम्बिनी में पीएम मोदी ने भगवान बुद्ध के दर्शन करने के साथ मायादेवी मंदिर में भी पूजा अर्चना की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा, 'आज भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी आने का सौभाग्य मिला। जहां भगवान ने जन्म लिया हो वहां की ऊर्जा अलग एहसास देती है। चाहें पशुपतिनाथ जी हों, जनकपुरधाम हो या लुम्बिनी, जब-जब नेपाल आता हूं यह देश मुझे अपना आध्यात्मिक आशीर्वाद देता है।'