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कोविड-19 के 361 नमूनों में से 61 प्रतिशत में ‘डबल म्यूटेशन’ पाया गया

By भाषा | Updated: April 14, 2021 18:34 IST

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मुंबई, 14 अप्रैल एक जीनोम अनुक्रमण विशेषज्ञ ने दावा किया कि इस साल जनवरी और मार्च के बीच कोविड-19 के लिए किये गये कुल 361 नमूनों में से 61 प्रतिशत में दोहरे उत्परिवर्तन (डबल म्यूटेशन) का पता चला है। उन्होंने साथ ही इस महामारी से सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में अधिकारियों द्वारा अपनाए जा रहे नमूना संग्रह के तरीकों पर भी संदेह जताया।

हालांकि, जीनोम अनुक्रमण और कोशिका विज्ञान के क्षेत्रों में विशेषज्ञों ने देखा है कि इस तरह के नमूनों की छोटी संख्या को म्यूटेंट वायरस के प्रसार के संकेत के रूप में नहीं माना जा सकता है।

इन 361 नमूनों की जांच महाराष्ट्र में जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं में की गई।

वहीं दूसरी ओर कोविड-19 नमूने प्रतिदिन एकत्र करने वाले नागरिक निकायों के अधिकारियों ने महाराष्ट्र में जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं के साथ-साथ केंद्र से नमूना विश्लेषण पर उनके निष्कर्षों के बारे में संचार की कमी को लेकर शिकायत की है।

उन्होंने कहा कि संचार की कमी के परिणामस्वरूप नागरिक निकाय और राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी सूचनाओं से अनभिज्ञ रहते हैं और इस प्रकार वे महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए एक बेहतर रणनीति बनाने में असमर्थ होते हैं।

एक वरिष्ठ जीनोम अनुक्रमण विशेषज्ञ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि पुणे में राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्‍थान द्वारा 361 कोरोना नमूनों की जांच की गई, जिसमें 61 प्रतिशत में डबल म्यूटेशन था। हालांकि, यह नमूना आकार बहुत छोटा है क्योंकि महाराष्ट्र में प्रति दिन लगभग दो लाख परीक्षण किए गए हैं। नमूनों की इतनी छोटी संख्या को ऐसे संकेत के रूप में नहीं लेना चाहिए कि डबल म्यूटेशन व्यापक स्तर पर है।’’

पिछले कुछ सप्ताह में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मंगलवार तक महाराष्ट्र में महामारी के मामलों की संख्या 35,19,208 थी जबकि मृतकों की संख्या 58,526 थी।

महाराष्ट्र में मंगलवार को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5,93,042 थी।

विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘कोविड-19 के लिए प्रतिदिन जांच कर रहे नागरिक निकायों और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अपनाए जा रहे नमूना संग्रह के तरीकों के बारे में हाल ही में चिंता व्यक्त की गई थी।’’

उन्होंने बताया कि नासिक से भेजे गये सभी नमूनों में डबल म्यूटेशन पाया गया है।

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि नमूनों को नियमित रूप से जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं में भेजा जा रहा है, ‘‘लेकिन हम उनसे कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो रही है।’’

काकानी ने कहा, ‘‘हम अभी भी नहीं जानते हैं कि भेजे गए नमूनों में कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन शामिल हैं या यह पहले वाला वेरिएंट है। यदि जीनोम अनुक्रमण नमूनों में डबल म्यूटेशन वायरस (तकनीकी रूप से बी.1.617 के रूप में जाना जाता है) की मौजूदगी की पहचान करता है तो हम संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर सकते हैं ताकि इसके प्रसार को कम किया जा सके क्योंकि यह अधिक संक्रामक है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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