नई दिल्ली: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि वह भारतीय क्रिकेटर अर्शदीप सिंह के खिलाफ 'खालिस्तानी' अभियान के मुद्दे पर राजनीति और खेल के साथ खिलवाड़ करने वाले राजनेताओं का समर्थन नहीं करते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को हुए मैच में एक कैच छोड़ने के बाद अर्शदीप को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था।
उनके विकिपीडिया पेज को संपादित किया गया और उन्हें खालिस्तानी आंदोलन से जोड़ा गया, जिसके लिए केंद्र ने सोमवार को विकिपीडिया को नोटिस जारी किया था। बैकलैश के बीच अर्शदीप सिंह को पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी समेत पंजाब के कई नेताओं का समर्थन मिला।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "मैं हमेशा राजनीति और खेल के साथ खिलवाड़ करने वाले राजनेताओं के खिलाफ रहा हूं। इसमें कोई शक नहीं है कि अर्शदीप सिंह ने एक आसान सा कैच छोड़ा लेकिन यह बेहतरीन क्रिकेटरों के साथ भी हो सकता है। लेकिन उसे इस तरह के दुर्भावनापूर्ण अभियान के अधीन करना अपमानजनक है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।"
आप सांसद राघव चड्ढा और पंजाब के मंत्री अनमोल गगन मान ने अर्शदीप के परिजनों से मुलाकात की और समर्थन दिया। वहीं, मनीष तिवारी ने ट्वीट कर लिखा, "देश के दुश्मनों से सावधान रहें, जो एक कैच छूटने पर अर्शदीप सिंह को बदनाम कर रहे हैं। दयनीय उनके लिए शब्द है। दुर्भाग्य से भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सिर्फ एक मैच से ज्यादा है। हम उसके साथ खड़े हैं। वह मेरे संसदीय क्षेत्र श्री आनंदपुर साहिब से ताल्लुक रखते हैं।"
अर्शदीप के माता-पिता ने कहा कि वह ऑनलाइन ट्रोलिंग से अप्रभावित था और श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच की ओर देख रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अर्शदीप के पिता दर्शन सिंह ने कहा, "हर कोई चाहता है कि उसकी टीम जीत जाए। जब ऐसा नहीं होता है तो फैंस अपनी बातों के जरिए खिलाड़ियों पर अपना गुस्सा निकालते हैं। हम इस सब को सकारात्मक तरीके से ले रहे हैं। मैच काफी अच्छा था।"