फाइजर वैक्सीन के भारत में आने में होगी अभी और देरी! कंपनी ने नहीं मांगा है अभी तक लाइसेंस, जानें पूरा मामला
By दीप्ती कुमारी | Updated: July 6, 2021 14:03 IST2021-07-06T14:03:57+5:302021-07-06T14:03:57+5:30
देश में उम्मीद जताई जी रही है कि फाइजर की वैक्सीन जल्द ही आ सकती है लेकिन इसी बीच खबर आ रही है कि फाइजर ने भारत में वैक्सीन के इस्तेमाल आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन नही किया है।

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया
दिल्ली : देश में फाइजर की वैक्सीन का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है । सरकार को भी उम्मीद है कि इससे जल्द ही वैक्सीन की कमी की भी समस्या दूर हो जाएगी लेकिन सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि फाइजर इंक ने भारत में अपने को भी वैक्सीन लॉन्च करने के लिए आवेदन नहीं किया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने दो बार अमेरिकी फार्मा कंपनी को अपने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन करने के बारे में लिखा है ताकि आवेदन समय पर अच्छी तरह से पास हो सके लेकिन फाइजर ने आवेदन नहीं किया।
वही एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि फाइजर और सरकार के बीच अंतिम चरण की बातचीत चल रही है और जल्दी समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि फाइजर और भारत सरकार के बीच विभिन्न चरणों में बातचीत चल रही है और इसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा । एक बार ऐसा हो जाने के बाद हम जल्दी अपने देश में यह टीका लगाने में सक्षम होंगे । कंपनी से बातचीत चल रही है । जल्दी ही इसपर फैसला किया जाएगा ।
आपको बता दें जून में फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौर्ला ने कहा था कि कंपनी भारत में covid-19 वैक्सीन के लिए मंजूरी पाने के अंतिम चरण में है । द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार फाइजर वैक्सीन की एक खुराक 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों में कोविड-19 से संक्रमण में लगभग 60% सुरक्षा प्रदान करती है ।
केंद्र ने 29 जून को मॉडर्न की वैक्सीन को मंजूरी दे दी जो भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी पाने वाला चौथा वैक्सीन है। डीसीजीआई ने जनवरी 2021 को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को अपनी मंजूरी दी थी । बाद में अप्रैल में शीर्ष दवा नियामक ने रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन को हरी झंडी दे दी । देश में टीकाकरण अभियान काफी तेजी से चलाया जा रहा है और दूसरे देशों से भी वैक्सीन के लिए मदद मांगी जा रही ताकि एक बड़ी आबादी को कोरोना की तीसरी लहर से बचाया जा सके ।