भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन है, लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को हो रही है, जिन्हें रोज काम करने के बाद ही पेट भरने के पैसे मिलते थे। हालांकि सरकार ने कई कदम उठाए है और दिल्ली सरकार भी गरीबों को खाना मुहैया करा रही है।
इस बीच दिल्ली में कालकाजी मंदिर के पास बने एक रैन बसेरे में रहने वाली महिलाओं ने भोजन की कमी का आरोप लगाया है। महिलाओं का कहना है कि हम आमतौर पर कालकाजी मंदिर में भोजन लेने आते हैं लेकिन यहां पर जितना भोजन मिलता है उससे हमारी जरूरतें पूरी नहीं होतीं और हमारे बच्चों को दूध भी नहीं मिल पा रहा है।
रैन बसेरे के गार्ड नुसरत कहती हैं, 'यहां रहने वाली महिलाएं ज्यादातर कालकाजी मंदिर में भीख मांगती हैं। हमारे सीनियर हमें बता रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण राशन ले जाने वाले वाहन यहां तक पहुंचने में असमर्थ हैं। इसलिए हम जो भी उपलब्ध है, उसमें से भोजन बना रहे हैं।'
बता दें कि कोरोना वायरस दुनिया के साथ-साथ भारत में भी तेजी से फैल रहा है और अब तक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 724 पहुंच गई है, जबकि इस महामारी से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं दिल्ली में 35 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि इससे एक मौत हुई है।
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में 677 भारतीय हैं, जबकि 47 विदेशी नागरिक हैं। दुनियाभर में कोरोना की चपेट में 5.32 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं और मरने वालों की संख्या 24 हजार को पार कर गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए मंगलवार (24 मार्च) को पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने बताया कि इस अवधि तक सड़क, रेल और हवाई सेवाएं स्थगित रहेंगी, लेकिन जरूरी सेवाओं की चीजें पहले की तरह ही चलती रहेंगी।
इसके बाद गृह मंत्रालय ने छह पन्नों का एक दिशानिर्देश जारी किया, जिसके मुताबिक रियायती मूल्य पर सामान देने वाले, खाने पीने के सामान, किराने की दुकान, सब्जी, फल, मांस, मछली और जानवरों के खाने के दुकानें खुली रहेंगी।