दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत की खबर आ रही है। वहीं, करीब 250 से अधिक लोग हिंसा में घायल हुए हैं। अलका लांबा ने हिंसा पर ट्वीट कर सभी संप्रदाय के लोगों से कहा है कि अपनी-अपनी लाशें गिनकर बताओ कौन जीता और कौन हारा? अलका लांबा का यह ट्वीट कुछ समय पहले का है, उस समय 40 लोगों की मौत हुई थीं।
इससे पहले भी हिंसा पर अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी (आप) पार्षद ताहिर हुसैन पर आईबी के अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के आरोप को लेकर हमला किया था। ताहिर के खिलाफ गुरुवार (27 फरवरी) मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद आप ने पार्टी से निलंबित कर दिया है। इसी के बाद कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने अरविंद केजरीवाल पर ट्वीट कर हमला बोला था।
अभी तक 40 लोगों की मौत,अपनी अपनी लाशें गिनकर बताओ कौन जीता और कौन हारा ...???हिंदू Vs मुस्लिम #DelhiRiotTruth#Delhi— Alka Lamba - अलका लाम्बा🇮🇳 (@LambaAlka) February 28, 2020
अलका लांबा ने ट्वीट कर सीएम अरविंद केजरीवाल को आडे़ हाथ लेते हुए कहा, 'अपने जिस आरोपी पार्षद के साथ अरविंद केजरीवाल उसके आरोप साबित होने तक खड़ा ना रह सका, आज उसके साथ जावेद अख्तर खड़े दिख रहे हैं।'
दरअसल, ताहिर हुसैन के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। मृतक अंकित शर्मा के पिता की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 365 और 302 के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पार्टी ने ताहिर हुसैन को सस्पेंड कर दिया। कहा गया जब तक उन पर लगे आरोप की जांच नहीं हो जाती और वह पाक साफ निकल कर नहीं आते तब तक प्राथमिक सदस्यता से निलंबित रहेंगे।
मालूम हो कि आईबी अफसर अंकित शर्मा दिल्ली के दंगा प्रभावित चांद बाग इलाके में एक नाले में बुधवार को मृत पाये गये थे, जहां वह रहते थे। ताहिर हुसैन ने दंगों में अथवा गुप्तचर ब्यूरो के कर्मचारी की हत्या में शामिल होने से इनकार किया है।
इधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चांद बाग इलाके के दंगों में आप पार्षद ताहिर हुसैन के कथित भूमिका के आरोपों के बीच भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को दरकिनार करने की मांग की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि किसी भी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह किसी भी पार्टी का हो।
भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि हुसैन के घर से पेट्रोल बम, पत्थरों से भरे बोरे, तेजाब के पाउच और अन्य सामानों की बरामदगी से दंगों के पीछे की एक बड़ी साजिश उजागर हुई है।