नई दिल्लीः शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति के आदेश पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी को निलंबित किया गया। प्रोफेसर पीसी जोशी VC का काम संभालेंगे। सरकार ने 17 जुलाई को, त्यागी के वापस लौटने तक प्रति कुलपति पी सी जोशी को कुलपति का प्रभार सौंप दिया था।
निलंबित किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी के चिकित्सा आधार पर अनुपस्थिति की उनकी अवधि के दौरान जारी किए आदेशों को अमान्य माना जाएगा। राष्ट्रपति ने डीयू में प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर योगेश त्यागी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रशासनिक स्तर पर अनियमितता के मामले में राष्ट्रपति से योगेश त्यागी के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी, इसके बाद राष्ट्रपति ने इस मामले में जांच की इजाजत दी है। बताया जा रहा है कि वाइस चांसलर के खिलाफ प्रशासनिक अनियमितताओं की शिकायतों को लेकर शिक्षा मंत्री ने इस मामले में जांच करने का फैसला लिया था, इसके बाद शिक्षा मंत्री ने योगेश त्यागी के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए राष्ट्रपति से अनुमति मांगी थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी के खिलाफ जांच के लिये राष्ट्रपति की मंजूरी मिली
शिक्षा मंत्रालय को कथित प्रशासनिक त्रुटियों के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी के खिलाफ जांच के लिये राष्ट्रपति की मंजूरी मिली गई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को अपनी मंजूरी भेज दी है।
एक सूत्र ने कहा, ''त्यागी के खिलाफ जांच के प्रस्ताव को राष्ट्रपति कार्यालय ने अनुमति दे दी है। जांच पूरी होने तक त्यागी अवकाश पर रहेंगे। '' त्यागी दो जुलाई को आपातकालीन चिकित्सा परिस्थितियों में एम्स में भर्ती होने के बाद से अवकाश पर हैं। पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब त्यागी ने जोशी को प्रति कुलपति के पद से हटाकर उनकी जगह विश्वविद्यालय के नॉन कॉलेजिएट वुमेंस एजुकेशन बोर्ड की निदेशक गीता भट्ट को नियुक्त कर दिया था।
इस बीच, जोशी ने नए रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी थी, जिनका साक्षात्कार पूरा हो चुका था और कार्यकारी परिषद ने उनकी नियुक्ति को बुधवार को मंजूरी भी दे दी। उसी दिन त्यागी ने पीसी झा को कार्यवाहक रजिस्ट्रार और साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त करने को मंजूरी देते हुए अधिसूचना जारी कर दी।
इसके बाद मंत्रालय ने कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रहे अधिकारों के टकराव में दखल देते हुए कहा कि त्यागी द्वारा की गईं नियुक्तियां ''वैध'' नहीं हैं क्योंकि वह अवकाश पर हैं। अधिकारों का टकराव तब और बढ़ गया जब झा ने खुद को ''कार्यवाहक रजिस्ट्रार'' बताते हुए मंत्रालय को पत्र लिखा कि त्यागी द्वारा लिये गए सभी निर्णय विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार हैं। मंत्रालय ने पत्र पर आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय को झा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया।
(इनपुट एजेंसी)