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दिल्ली पर्यटन विभाग को सिग्नेचर ब्रिज पर लिफ्ट संचालित करने की अनुमित नहीं मिली

By भाषा | Updated: September 9, 2021 16:51 IST

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नयी दिल्ली, नौ सितंबर दिल्ली के 154 मीटर ऊंचे सिंग्नेचर ब्रिज से यमुना और राष्ट्रीय राजधानी का नज़ारा देखने के लिए शहरवासियों को और इंतजार करना होगा क्योंकि पर्यटन विभाग को संबंधित अधिकारियों से पुल पर लगी ‘इन्क्लाइंड (झुकी हुई) लिफ्ट’ संचालित करने की अनुमति नहीं मिली है जो सैलानियों को पुल के शीर्ष पर बनी दर्शन दीर्घा (व्यूइंगि गैलरी) तक ले जाएगी।

दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) के अधिकारियों ने कहा कि पुल पर चार लिफ्ट लगाई गई हैं। दो लिफ्ट 60 डिग्री के कोण पर झुकी हुई हैं जबकि दो लिफ्ट 80 डिग्री के कोण पर झुकी हुई हैं।

उन्होंने कहा कि संचालन शुरू करने और पुल के शीर्ष पर कांच से बनी दीर्घा तक सैलानियों को जाने के लिए दिल्ली सरकार के श्रम विभाग की विद्युत शाखा से वैधानिक अनुमति की जरूरत है। यह दीर्घा कुतुब मीनार से दोगुनी ऊंचाई पर है। कुतुब मीनार की ऊंचाई करीब 73 मीटर है।

डीटीटीडीसी के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को नाम न छापने की शर्त पर बताया, “श्रम विभाग की विद्युत शाखा ने हमें इन झुकी हुई लिफ्टों का उपयोग यात्रियों को दर्शन दीर्घा तक ले जाने के लिए करने की अनुमति नहीं दी। इन लिफ्टों के झुके होने के कारण अनुमति नहीं दी गई है।”

अधिकारी ने कहा कि लिफ्टों का इस्तेमाल सिग्नेचर ब्रिज के रखरखाव के लिए किया जा सकता है।

इजाजत नहीं मिलने का कारण बताते हुए डीटीटीडीसी के अन्य अधिकारी ने बताया कि सिग्नेचर ब्रिज के खंभों पर स्थापित लिफ्टें तिरछी हैं जबकि दिल्ली में सिर्फ सीधी लिफ्टों के संचालन की अनुमति है।

उन्होंने कहा, “दिल्ली में, लिफ्ट को बॉम्बे लिफ्ट्स अधिनियम 1939 के अनुसार अनुमति दी जाती है। इस अधिनियम को दिल्ली में 1942 में अपनाया गया था। उस समय, लिफ्ट की अवधारणा बहुत आम नहीं थी और ज्यादातर सीधी लिफ्टों का इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए अधिनियम के तहत यात्रियों को ले जाने के लिए सिर्फ सीधी लिफ्टों के संचालन की इजाजत दी जाती है।“

अधिकारी ने बताया , “यही मुख्य कारण है कि हमें सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों और सुरक्षा उपायों को पूरा करने के बावजूद मंजूरी नहीं मिल पा रही है।”

उन्होंने कहा कि अब परिदृश्य बदल गया है क्योंकि झुकी हुई लिफ्टों का उपयोग दुनिया भर में कई परियोजनाओं में देखा जा सकता है, जैसे पेरिस के एफिल टॉवर में।

अधिकारी ने कहा, “अब हम इस विषय पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करेंगे। हम सरकार को झुकी हुई लिफ्टों का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे क्योंकि हमने अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत सभी जरूरी सुरक्षा उपाय किए हैं।”

डीटीटीडीसी अधिकारियों ने बताया कि इन लिफ्टों को एक इतालवी कंपनी ने लगाया है जो इस क्षेत्र में अग्रणी है।

सिग्नेचर ब्रिज लोक निर्माण विभाग ने 1581.37 करोड़ रुपये में बनाया है। इसे नवंबर 2018 में खोला गया है। यह बाहरी रिंग रोड को उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर और भजनपुरा से जोड़ता है। इसे भारत का पहला केबल से बना ब्रिज कहा जाता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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