नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में नवंबर महीने की शुरुआत प्रदूषण के बढ़ते स्तर से हुई है। जहरीली हवा लोगों का जीना मुश्किल कर रही है वहीं, रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार सुबह 5 बजे 457 था और शहर और इसके पड़ोसी जिलों में जिस जहरीली हवा में सांस ली जा रही है लेकिन इससे फिलहाल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
मौसम एजेंसियों की भविष्यवाणी के अनुसार कोई राहत नहीं मिली। अगले तीन दिनों तक शहर का प्रदूषण स्तर इसी तरह बना रहेगा।
वायु गुणवत्ता लगातार गंभीर श्रेणी में है। शनिवार को दिल्ली में AQI 415 दर्ज किया गया, क्योंकि निष्क्रिय हवाएं, खेत की आग से धुआं और कम तापमान ने प्रदूषकों को जमीन के करीब केंद्रित रखा। शुक्रवार को, दिल्ली में AQI 468 दर्ज किया गया, जो लगभग दो वर्षों में सबसे अधिक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के गुरुवार शाम 4 बजे के बुलेटिन के अनुसार शहर की आधिकारिक रीडिंग 392 थी जो "गंभीर" श्रेणी से थोड़ा कम है यह संख्या केवल एक घंटे बाद 400 से अधिक हो गई।
कब तक दिल्ली का रहेगा ये हाल?
भारत मौसम विज्ञान विभाग के कुलदीप श्रीवास्तव ( आईएमडी) ने कहा कि अगले तीन दिनों में स्थितियों में बदलाव की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ''7 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ की आशंका है लेकिन इसका मैदानी इलाकों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है इसलिए हमें अभी तक कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।''
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदूषण के लिए शांत हवाओं को जिम्मेदार ठहराया। पिछले दो दिनों में मामूली सुधार के बावजूद, दिल्ली अगले कुछ दिनों में "गंभीर स्थिति" में रहेगी। उन्होंने एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा और केंद्र से संबंधित राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक बुलाने को कहा।
हालाँकि, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने जहरीले प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कोई और कदम नहीं उठाया।
गौरतलब है कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के तहत निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के डेटा ने शनिवार को अनुमान लगाया कि पराली जलाना दिल्ली के 23.6% पीएम 2.5 स्तरों का एक प्रमुख कारण होगा, जो कि एक संख्या होने की उम्मीद है। रविवार को लगभग 25.4%।
पंजाब और हरियाणा में धान के खेतों में आग लगना जारी है। अगले कुछ दिनों में इन घटनाओं में और तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब शनिवार को खेतों में आग लगने की 1,360 घटनाएं दर्ज की गईं।