नई दिल्ली: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों के बंद होने की खबरों पर दिल्ली नगर निगम के तीनों आयुक्तों और महापौरों को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में आयोग ने तीनों निगमों के महापौर और आयुक्तों को नोटिस भेजकर उनसे यह जवाब मांगा है कि उन्होंने किस आधार पर मीट की दुकानों व होटलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। मामले में राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है।
आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि ये देश सभी का है और सभी को संवैधानिक आजादी है। जैसे नवरात्र चल रहा है, वैसे ही रमजान का महीना भी चल रहा है। सभी लोगो को एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। उन्हों कहा, जहां हिंदू भाइयो के बहुल इलाके हैं, वहां मुस्लिम भाइयों को भी ख्याल रखने की जरूरत है कि उनको कोई परेशानी ना हो, इसी तरह जो मुस्लिम बहुल इलाके हैं वहां इस तरह का आदेश देना जरूरी नही है।
बता दें कि बीते 4 अप्रैल को साउथ दिल्ली के मेयर द्वारा यह फैसला लिया गया था कि नवरात्रि के चलते 5 अप्रैल से 11 अप्रैल तक साउथ दिल्ली में मीट की दुकानें बंद रहेंगी। साउथ दिल्ली के मेयर मुकेश सुर्यान ने कहा था कि नवरात्रि के दौरान, दिल्ली में 99 प्रतिशत घर लहसुन और प्याज का उपयोग नहीं करते हैं, इसलिए हमने फैसला किया है कि दक्षिण एमसीडी में कोई मांस की दुकान नहीं खुलेगी। यह फैसला कल (मंगलवार) से लागू होगा। उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।