नई दिल्ली: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल एक बार फिर आमने सामने हैं। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। उपराज्यपाल के इल फैसले से दिल्ली सरकार और खासकर आबकारी मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ आरोप है कि नई नीति के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की रिपोर्ट में कहा गया है कि नई आबकारी नीति में नियमों की अनदेखी कर बांटे गए। उपराज्यपाल के निर्णय के बाद भाजपा आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर हमलावर है। भाजपा का आरोप है कि अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले जो पैसे मिले उसे आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनावों में खर्च किया। भाजपा ने आरोप लगाया है कि कम से कम 155 करोड़ रूपये की हेर फेर की गई है।
इस मामले पर भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट कर लिखा, "सुना है दिल्ली में शराब का कारोबार करने वाले मंत्री पर भी कार्यवाही होने वाली है! एक मंत्री पहले से जेल में है, दूसरा भी तैयार है!"
अभी हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे पर भी दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने सामने थे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के आम आदमी पार्टी सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने खारिज कर दिया था। मुख्यमंत्री केजरीवाल को 1 अगस्त को सिंगापुर जाना था लेकिन उपराज्यपाल ने केजरीवाल को सम्मेलन में भाग नहीं लेने की सलाह दी और कहा कि यह महापौरों का सम्मेलन है। ऐसे में एक मुख्यमंत्री के लिए इसमें भाग ठीक नहीं होगा।
उपराज्यपाल के आबकारी नीति की सीबीआई जांच के फैसले से आम आदमी पार्टी में नाराजगी है। एक प्रेस कांफ्रेंस कर के पार्टी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी पंजाब की जीत के बाद अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से घबराए हुए हैं। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, में मेयर, निगम और पार्षद चुनावों में लोग आप को जित रहे हैं। इसलिए अब सीबीआई, इनकम टैक्स, प्रवर्तन निदेशालय, आप के हर मंत्री की जांच करेगी ताकि हमें रोका जा सके।"