नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ कथित मानहानिकारक पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली हाई कोर्ट से इस बाबत अपील की थी। सक्सेना ने अदालत से आप और उसके नेताओं को सोशल मीडिया से कथित मानहानिकारक ट्वीट और अन्य पोस्ट हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया था।
दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से उनके वकील ने सोमवार को आम आदमी पार्टी और उसके 5 बड़े नेताओं को लीगल नोटिस भेजा था। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि उपराज्यपाल के खिलाफ झूठी और भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं। असत्य और अपमानजनक बयानों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। हालांकि इस नोटिस के बाद भी आप ने उनपर मौखिक हमले जारी रखे।
दिल्ली के उपराज्यपाल पर आम आदमी पार्टी के क्या हैं आरोप?
मालूम हो कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर जांच के दायरे में हैं। उपराज्यपाल द्वारा शराब नीति में सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी और उनके बीच घमासान तेज हो गया था। AAP नेताओं ने भी उपराज्यपाल पर घोटाले के आरोप लगा डाले।
आप नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर आरोप लगाया कि खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहते उन्होंने अपनी बेटी शिवांगी सक्सेना को मुंबई में खादी लाउंज डिजायन करने का 80 करोड़ रुपए का ठेका दिलाया। संजय सिंह ने आरोप में यह भी कहा कि सक्सेना नेखादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन रहते नोटबंदी के समय करोड़ों रुपए की हेराफेरी की। आप नेता ने कहा कि उस दौरान कई घोटाले और घपले हुए। आप ने उपराज्यपाल को पद से बर्खास्त करने की मांग की है।