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दिल्ली: AAP के जामिया नगर में लगाए फ्लेक्स बोर्ड पर विवाद, स्वतंत्रता सेनानियों के साथ बांग्लादेशी स्कॉलर की तस्वीर

By आजाद खान | Updated: July 24, 2022 09:29 IST

दिल्ली के जामिया नगर में आप ने महात्मा गांधी, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव, शहीद अशफाकउल्लाह खान के साथ बांग्लादेशी इस्लामिक स्कॉलर मौलाना महमूदुल हसन का भी फोटो लगा दिया है। यह फोटो कई महीने पहले लगाए गए थे, लेकिन इसे आजतक ठीक नहीं किया गया है।

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ठळक मुद्देआम आदमी पार्टी द्वारा लगाए गए पोस्टर को लेकर विवाद छिड़ गया है। पार्टी ने जामिया नगर में भारतीय स्वतंत्रता सेनानी के साथ बांग्लादेशी स्कॉलर की तस्वीरें लगाई है। आप द्वारा गलती से यह फोटो लगाई गई है जिसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है।

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए गए पोस्टर में भारतीय स्वतंत्रता सेनानी की गतल पहचान को लेकर एक विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, आम आदमी पार्टी द्वारा कई महीने पहले जामिया नगर में फ्लेक्स बोर्ड लगाए गए थे। इस फ्लेक्स बोर्ड में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को फोटो लगाई गई है। 

इस फ्लेक्स बोर्ड में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों जैसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव, शहीद अशफाकउल्लाह खान के साथ बांग्लादेश के इस्लामिक स्कॉलर मौलाना महमूदुल हसन का भी फोटो लगाया गया है। इस फोटो के लगाए जाने को लेकर विवाद शुरू हुआ है। 

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि कुछ महीने पहले दिल्ली के जामिया नगर के 'फ्रीडम फाइटर फाउंटेन' में आप ने स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो लगाई थी। इन फोटो में बांग्लादेशी इस्लामिक स्कॉलर मौलाना महमूदुल हसन का भी फोटो देखा गया है। पार्टी ने गलती से यह फोटो लगा दी थी जिसे आज तक ठीक नहीं किया गया है। 

दरअसल, आप वहां पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी महमूद हसन देवबंदी का फोटो लगाना चाहती थी लेकिन गलती से बांग्लादेशी इस्लामिक स्कॉलर की फोटो लग गई। हालांकि कई महीने बीतने के बाद भी यह पोस्टर हटाए नहीं गए है जिसे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी की गलत पहचान बताया जा रहा है और इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। 

मामले में आप के तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है। 

कौन थे स्वतंत्रता सेनानी महमूद हसन देवबंदी?

स्वतंत्रता सेनानी महमूद हसन देवबंदी उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले थे। इनके पिता जुल्फिकार अली देवबंदी जो दारुल उलूम देवबंद के सह-संस्थापक थे। आजादी के समय इन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। 

इन्हें खिलाफत कमेटी द्वारा उन्हें 'शेख अल-हिंद' (भारत के नेता) की उपाधि से सम्मानित किया गया है। महमूद हसन ने मुहम्मद अली जौहर और हकीम अजमल खान के साथ जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना की थी। असहयोग आंदोलन में भी इनका बड़ा योगदान रहा है। 

यही कारण है कि आप पार्टी ने इनकी तस्वीर भारत के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ लगानी चाही थी लेकिन पार्टी द्वारा गलती से बांग्लादेशी इस्लामिक स्कॉलर की फोटो लग गई है।

ऐसे में कौन है मौलाना महमदुल हसन? 

मौलाना महमदुल हसन बांग्लादेश के जानेमाने सरकार समर्थक इस्लामिक स्कॉलर, लेखक, धार्मिक सुधारक, शिक्षक और सार्वजनिक वक्ता है। 2020 में जात्राबाड़ी मदरसा के प्रिंसिपल और गुलशन आजाद मस्जिद के पूर्व खतीब मौलाना महमूदुल हसन को बांग्लादेश कौमी मदरसा एजुकेशन बोर्ड (बेफाक) का नया अध्यक्ष चुना गया है। ये बांग्लादेश के काफी फेमस व्यक्ति है। 

 

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