कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में दिल्ली में शांति मार्च निकाला है। इस मौके पर उनके साथ केसी वेणुगोपाल समेत कई कांग्रेस नेता इस मार्च में शामिल हुए हैं। प्रियंका गांधी के मार्च को जनपथ के पास रोक दिया गया है। वह गांधी स्म़ति स्थल के लिए मार्च लेकर रवाना हुई थीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बयान को शर्मनाक करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार का इस पर कुछ नहीं करना और भी अधिक शर्मनाक है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संवाददाता सम्मेलन के बाद प्रियंका ने पत्रकारों से कहा, '' भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने जो कहा है वह शर्मनाक है लेकिन सरकार का इस पर कुछ नहीं करना और भी अधिक शर्मनाक है।''
उन्होंने दिल्ली के लोगों से हिंसा से दूर रहने की अपील करते हुए कहा, ''हिंसा से सिर्फ आप लोगों को पीड़ा होगी और सिर्फ आप लोगों का नुकसान होगा।'' गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के सामने मिश्रा ने कथित तौर पर कहा था कि अगर तीन दिन के अंदर सड़कों को संशोधित नागरिकता विरोधी प्रदर्शनकारियों से खाली नहीं कराया गया तो वह एवं उनके समर्थक सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमने अपने कार्यकर्ताओं को कहा है कि इस तरह की घटना होने पर वे शांति और अमन बनाएं।
सोनिया गांधी ने अमित शाह से मांगा इस्तीफा-
कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को पहले से सुनियोजित षड्यंत्र का नतीजा करार दिया। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बनती है और ऐसे में उन्हें पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पारित प्रस्ताव पढ़ते हुए सोनिया ने कहा, ''दिल्ली की हिंसा एक सोच-समझा षड्यंत्र है। भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया।''
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति सब परिवारों के साथ अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है, जिन्होंने परिवार के सदस्यों को खोया है और वह सब घायलों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करती है। सोनिया ने कहा, ''पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार, खासतौर से गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। फौरन तौर से जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री को अपना इस्तीफा देना चाहिए। ''
उन्होंने यह दावा भी किया, ''दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार भी शांति तथा सद्भाव बनाए रखने में पूरी तरह से विफल होने के जिम्मेदार हैं। दोनों सरकारों की जिम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण देश की राजधानी इस त्रासदी का शिकार बनी है।'' सोनिया ने सीडब्ल्यूसी से पारित प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए सवाल किया, ''पिछले रविवार से देश के गृहमंत्री कहां थे और वो क्या कर रहे थे? पिछले रविवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? दिल्ली चुनाव के बाद खुफिया एजेंसियों द्वारा क्या जानकारी दी गई और उन पर क्या कार्यवाही हुई?''
उन्होंने यह पूछा, ''रविवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगों वाले इलाके में लगाई गई, जब यह साफ था कि दंगे और फैल रहे हैं? जब दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए थे और पुलिस का नियंत्रण नहीं बचा था, तो ऐसे में और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को क्यों नहीं बुलाया गया?"
प्रकाश जावड़ेकर ने सोनिया के बयान पर दिया जवाब-
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनका यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। ऐसे समय में सभी दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शांति बनाए रखी जाए, इसके बजाय सरकार को दोषी ठहराया जाना गंदी राजनीति है। इस हिंसा की आलोचना में सरकार को दोष देना गलत है।
इसके साथ ही जावड़ेकर ने कहा कि प्रेस वार्ता के दौरान सोनिया जी पूछ रही थीं कि अमित शाह हिंसा के समय कहां हैं। लेकिन, मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि गृह मंत्री ने कल सर्वदलीय बैठक की, जहां कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। इस बैठक के बाद ही गृह मंत्रालय ने पुलिस को दिशा-निर्देश दिए और पुलिस का मनोबल भी बढ़ाया। कांग्रेस के बयानों से पुलिस के मनोबल पर विपरीत असर पड़ता है।