नई दिल्ली: दिल्ली में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के तीनों प्रमुखों के साथ लद्दाख के हालात को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल (सीडीएस) बिपिन रावत भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ मौजूद थे।
रक्षा मंत्री 24 जून के रूस में होने वाले विजय दिवस मिलट्री परेड में हिस्सा लेने के लिए मास्को जा रहे हैं। यही वजह है कि रक्षा मंत्री ने अपने मास्को के दौरा से पहले सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है।
सूत्रों के मानें तो चीन के साथ लगती सीमा की रक्षा के लिए भारत अब पहले से अलग सामरिक तरीके अपनाएगा। सशस्त्र बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की सेना के किसी भी प्रकार के आक्रामक रवैए से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है।
इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के तीनों वरिष्ठ अधिकारी को भारतीय बलों को पूर्वी लद्दाख और अन्य सेक्टरों में चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है।
भारतीय सेनारूस के विक्टरी डे परेड में हिस्सा लेने गई है
रूस की विक्टरी डे परेड में रूस की सेना सहित कई देशों की सैन्य टुकड़ियां हिस्सा लेने के लिए गई हैं। भारत का भी एक 75 सदस्य सैन्य-दल इस विक्टरी-डे परेड में हिस्सा लेने मास्को गया है। भारत की इस टुकड़ी में तीनों सशस्त्र सेनाओं यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना की भागीदारी है।
राजनाथ सिंह की रूस यात्रा ऐसे समय में है, जब भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय से अपने 33 फाइटर जेट्स के प्रोपोजल को गति देने के लिए कहा है। दरअसल, बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद वायुसेना ने रूस से 21 मिग-29 लड़ाकू विमान खरीदने का प्लान बनाया था। साथ ही रूस से लिए 12 सुखोई फाइटर जेट्स जो बीते सालों में दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, उन्हें भी बदलने का प्रस्ताव दिया है।
रक्षा मंत्री की ये यात्रा इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि चीन और रूस भी काफी करीबी माने जाते थे। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल (सोमवार) को मास्को के लिए रवाना होंगे। 23 तारीख को जब रक्षा मंत्री रूस में होंगे, उसी दिन भारत, चीन और रूस के विदेश मंत्रियों की भी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक मीटिंग है।
द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की खुशी में आयोजित होता है विक्टरी परेड-
बता दें कि रूस में यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित होगी। रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत और चीन के बीच बढ़ते सीमा गतिरोध के मध्य में हो रहा है खासकर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों द्वारा 20 भारतीय सैनिकों की हत्या किए जाने के बाद।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वितीय विश्व युद्ध में मिली जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 24 जून को आयोजित विजय दिवस परेड में शमिल होने के लिए मॉस्को की यात्रा करेंगे।