Deepotsav celebration in Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कई रिकॉर्ड बने। दीपोत्सव समारोह के दौरान 2 नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए। गिनीज अधिकारी ने कहा कि पच्चीस लाख से अधिक दीये जलाकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या जिला प्रशासन और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन और सरयू आरती समिति ने सबसे ज़्यादा लोगों (1,121) द्वारा एक साथ आरती करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। 25,12,585 दीयों के सबसे बड़े प्रदर्शन का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया।
अयोध्या में सरयू नदी के तट पर बुधवार को आठवें 'दीपोत्सव' के अवसर पर दो विश्व रिकॉर्ड बने। एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा आरती करने और सबसे अधिक तेल के दीये जलाने के दो ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाए गए। ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ के निर्णायक प्रवीण पटेल ने बुधवार शाम को नए रिकॉर्ड की घोषणा की, जहां वे ‘गिनीज कंसल्टेंट’ निश्चल भरोट के साथ सत्यापन के लिए आए थे।
पटेल ने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन और सरयू आरती समिति सबसे अधिक 1,121 लोगों द्वारा आरती करने के लिए ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ के खिताब धारक हैं। आप सभी को बधाई हो।’’ दूसरे रिकॉर्ड के बारे में गिनीज निर्णायक दल ने कहा, "कुल 25,12,585 दीये जलाकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, तेल के सबसे अधिक दीयों के एक साथ प्रज्वलन के लिए नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के खिताब धारक हैं।
पटेल ने कहा कि वह एक नहीं बल्कि दो ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ खिताबों को सत्यापित करके "बहुत प्रसन्न" हैं - एक साथ सबसे ज़्यादा लोगों द्वारा आरती और सबसे अधिक तेल के दीयों का प्रज्वलन। उन्होंने कहा कि 'एक साथ सबसे ज़्यादा लोगों द्वारा आरती एक बिल्कुल नया रिकॉर्ड है जबकि तेल के दीयों के प्रज्वलन का मौजूदा रिकॉर्ड 22 लाख 23 हजार 676 (22.23 लाख) दीये का था।
पटेल ने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास संख्या हो, लेकिन यह भी जरूरी है कि आप दिशानिर्देशों का पालन करें।" उन्होंने कहा, ‘‘आपने दोनों रिकॉर्डों के लिए दिशानिर्देशों का पालन किया है।’’ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद इस पहले दीपोत्सव पर इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने अनूठी पहल की।
पहली बार 1121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू मैया की आरती की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम सरयू मैया की आरती की। इस मौके पर 1121 वेदाचार्य एक ही रंग के परिधान में एक स्वर में सरयू मैया की आरती करते रहे। इसमें एक तरफ जहां आध्यात्मिकता का रंग था, वहीं दूसरी तरफ यह अनूठा आयोजन जनमानस में योगी सरकार की छवि को और निखार रहा था। आरती से पहले मुख्यमंत्री ने मां सरयू की पूजा-अर्चना भी की। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ यहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक आदि मौजूद रहे।
अयोध्या में सरयू नदी के तट पर बुधवार को आठवें 'दीपोत्सव' के अवसर पर एक नया विश्व रिकॉर्ड के साथ एक साथ लाखों मिट्टी के दीये जलाए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समारोह का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने मंत्रियों और अन्य के साथ मिलकर कुछ दीये जलाये और दीपोत्सव की शुरुआत की।
इस साल की शुरुआत में 22 जनवरी को राम लला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से यह पहला दीपोत्सव है। इस भव्य अवसर के लिए पूरी अयोध्या सजी हुई थी और भगवान राम के 'राम राम जय राजा राम' के भक्ति संगीत से मंदिर नगरी गूंज रही थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे।
उन्होंने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दर्शन किये, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात उन्होंने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए। सोशल मीडिया 'एक्स' पर भी इस उत्सव को खूब पसंद किया गया और यह ‘सबका उत्सव, अयोध्या दीपोत्सव’ हैशटैग के साथ ‘ट्रेंड’ कर रहा है।
अयोध्या बुधवार को तब उत्सव के माहौल में सराबोर हो गई, जब आठवें दीपोत्सव समारोह के तहत रामायण के पात्रों की जीवंत झांकियों के साथ एक जुलूस मंदिर नगरी से गुजरा। झांकी के तहत श्री राम के सीता और लक्ष्मण हनुमान (रामायण के पात्रों) के साथ 'पुष्पक विमान' (हेलीकॉप्टर) से अयोध्या पहुंचने पर योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने उनका स्वागत किया।
भगवान राम के रथ को मुख्यमंत्री और अन्य लोगों ने राम दरबार स्थल तक खींचकर पहुंचाया। आदित्यनाथ ने बाद में उनकी आरती उतारी। बुधवार को छोटी दीपावली के अवसर पर अयोध्या में बुधवार को भव्य दीपोत्सव समारोह के तहत झांकियों की एक शोभायात्रा निकाली गई। रामायण के प्रसंगों को दर्शाती झांकियों में देशभर के शास्त्रीय नर्तकों की प्रस्तुति ने राम पथ पर अपना जादू बिखेरा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि साकेत महाविद्यालय से राम कथा पार्क तक निकाली गई 18 विशेष झांकियां इस दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण रहीं। प्रदेश के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने झांकियों को झंडी दिखाकर रवाना किया। इन झांकियों में रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। झांकियों के दृश्य को हर कोई अपने मोबाइल में कैद करता दिखा।
इस दौरान रामपथ पर रंग-गुलाल उड़ने के साथ जमकर आतिशबाजी भी हुई। इस भव्य शोभायात्रा में साकेत महाविद्यालय के छात्रों ने पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर श्रीराम के राजतिलक तक के विभिन्न प्रसंगों को बड़े ही सुंदर ढ़ंग से झांकियों के रूप में प्रस्तुत किया। इन झांकियों में न केवल श्रीराम के जीवन के महत्वपूर्ण अध्यायों का दर्शन कराया गया बल्कि उनमें शामिल कलाकारों के अभिनय ने दृश्य को और भी जीवंत बना दिया। प्रवक्ता के मुताबिक झांकियों का यह सफर साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर अयोध्या के प्रमुख चौराहों से गुजरते हुए राम कथा पार्क पर सम्पन्न हुआ।
महोत्सव में साकेत महाविद्यालय की 18 झांकियों में से 11 झांकियां सूचना विभाग की ओर से और सात झांकियां पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई हैं। पर्यटन विभाग द्वारा सजाई गई झांकियों में तुलसीदास रचित रामचरितमानस के सात अध्यायों- बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड पर आधारित सुंदर दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को रामायण के विभिन्न प्रसंगों का सार समझाने में सहायक हैं।
इस आठवें दीपोत्सव में श्रीराम की शिक्षा, सीता-राम विवाह, वन गमन, भरत मिलाप, शबरी प्रसंग, अशोक वाटिका, हनुमान का लंका गमन, शक्तिबाण लगने से लक्ष्मण का मूर्छित होना, रावण वध, अयोध्या आगमन और दीपोत्सव पर आधारित झांकियों का विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है। शोभायात्रा के राम पथ पर आगे बढ़ते ही स्थानीय लोगों ने सड़क के दोनों तरफ खड़े होकर पुष्पवर्षा की।