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एफडी पर नहीं मिला रहा है अच्छा रिटर्न तो यहां करें निवेश, दूर हो जाएगी लाभ की टेंशन

By दीप्ती कुमारी | Updated: July 30, 2021 14:11 IST

एफडी में लंबे समय से बेहतर रिटर्न न मिलने पर निवेशक किसी और बेहतर विक्लप की तलाश कर रहे हैं । एफडी की जगह फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान , रोल डाउन स्ट्रैटेजी तथा टारगेट मेच्योरिटी गिल्ट इंडेक्स फंड्स में निवेश कर सकते हैं ।

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ठळक मुद्देएफडी की जगह इन जगहों में करें निवेशफिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान में निवेश करने से मिलेगा बेहतर रिटर्न ब्याज दर कम होने के बाद एफडी एक बेहतर निवेश विक्लप नहीं रहा है

मुंबई    : लंबे समय से ग्राहकों को फिक्स डिपॉजिट पर अच्छा लाभ नहीं मिल रहा है । ऊपर से बढ़ती महंगाई के कारण एफडी निवेश पर मिलने वाला रिटर्न भी कम होता जा रहा है । यही कारण है कि लोग अपनी पूंजी को निवेश करने के लिए दूसरे विकल्प की तलाश कर रहे हैं ताकि बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सके। उनकी तलाश एक ऐसे विकल्प की है, जो उन्हें अच्छे रिटर्न के साथ ही पूंजी की सेफ्टी और लिक्विडिटी की भी सुविधा दें।

आपको बता दे कि सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड व फंड्स इन्हीं विकल्पों में से एक हैं । इसके अलावा निवेशक अब डेट म्यूचुअल फंड कैटेगरी को भी एफडी के विकल्प के रूप में देख रहे हैं। पहले एफडी विकल्प के तौर पर लिक्विड फंड्स निवेशकों के लिए रिटर्न और लिक्विडिटी के लिहाज से अच्छा विकल्प माना जाता था लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों को कम रखा है और बैंक व अन्य वित्तीय संस्थानों में पर्याप्त फंड उपलब्ध है । इस वजह से लिक्विड फंड्स पर रेट ऑफ रिटर्ंस में कमी आई है ।

एफडी की जगह यहां करें निवेश -

1.  फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान :- 

इसमें फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान को तय मैच्योरिटी अवधि और तय कूपन रेट पर फाइनेंशली इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है । निवेशक काफी सटीकता से मिलने वाले रिटर्न का अनुमान लगा सकते हैं । यह पता लगा सकते हैं कि उनकी मैच्‍योरिटी वैल्यू क्या है और उन्हें यह रकम कब मिलेगी । हालांकि इस तरह के फंड्स में ट्रांजैक्शन को लेकर कुछ समस्या आ सकती है।

2. रोल डाउन स्ट्रैटेजी :-

इसमें रोल डाउन स्ट्रैटेजी पर आधारित फंड्स ओपन एंडेड फंड हैं और इनकी क्वालिटी काफी अच्छी है लेकिन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियां पुराने इन्वेस्टमेंट में लिक्विडेट कर फ्रेश इन्वेस्टमेंट करती रहती है इसीलिए इनकी मेच्योरिटी वैल्यू और निवेश की अवधि का अनुमान लगाना मुश्किल होता है।

3. टारगेट मेच्योरिटी गिल्ट इंडेक्स फंड्स :-

 आमतौर पर टारगेट मैच्‍योरिटी गिल्ट इंडेक्स फंड्स का बहुत हद तक अनुमान लगाया जा सकता है । इस तरह के फंड स्कोर मुख्य तौर पर सरकारी सिक्योरिटी में निवेश किया जा सकता है । मैच्‍योरिटी अवधि के अंदर ही सिक्योरिटी भी मैच्‍योर हो जाती है इस प्रकार टारगेट गिल्ट फंड्स को कम जोखिम वाला विकल्प माना जाता है।

इसके अलावा म्युचुअल फंड्स में निवेश कैपिटल इन्वेस्टमेंट है इसलिए टारगेट मैच्‍योरिटी गिल्ट इंडेक्स फंड्स डिपॉजिट की तुलना में अधिक जोखिम वाला विकल्प है ।  वही ताकत में चैरिटी वर्ल्ड इंडेक्स पॉइंट 6 -7 साल बाद दोबारा इन्वेस्टमेंट के समय थोड़ा अधिक जोखिम वाला बन जाता है क्योंकि उस दौरान नहीं सिक्योरिटीज का कूपन रेट कम हो जाता है।  

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