नई दिल्ली: तीन महीने से अधिक की गर्भवती महिलाओं को नौकरी ज्वाइन करने से रोकने को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को दिल्ली महिला आयोग ने नोटिस जारी किया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा कि एसबीआई ने तीन महीने से अधिक की गर्भवती महिलाओं को अनफिट कहा है। उन्होंने कहा कि बैंक का यह कदम भेदभावपूर्ण और गैरकानूनी है और यह कानून के तहत प्रदत्त मातृत्व लाभों को प्रभावित कर सकता है।
मालीवाल ने ट्वीट कर कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय स्टेट बैंक ने 3 महीने से अधिक गर्भवती महिलाओं को सेवा में शामिल होने से रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और उन्हें 'अस्थायी रूप से अयोग्य' करार दिया है। यह भेदभावपूर्ण और अवैध दोनों है। हमने उन्हें नोटिस जारी कर इस महिला विरोधी नियम को वापस लेने की मांग की है।
मालीवाल द्वारा ट्वीट किए गए नोटिस के अनुसार, एसबीआई ने 31 दिसंबर को एक सर्कुलर में तीन महीने से अधिक गर्भवती महिलाओं को नियत प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाने के बावजूद काम पर जाने से रोक दिया।
उन्होंने कहा कि सर्कुलर में कहा गया है कि उन्हें अस्थायी रूप से अनफिट माना जाएगा और उन्हें बच्चे के जन्म के बाद चार महीने के भीतर शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है। भारतीय स्टेट बैंक ने अभी तक इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। डीसीडब्ल्यू ने एसबीआई से मंगलवार तक नोटिस का जवाब देने को कहा है।