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नई पहल! भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिक्स डोज पर शोध को DCGI ने दी मंजूरी

By विनीत कुमार | Updated: August 11, 2021 11:04 IST

भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिक्स डोज पर शोध को लेकर मंजूरी दे दी गई है। इसे लेकर पहले भी कई बार बातें होती रही हैं। हाल में इसी से संबंधित आईसीएमआर का भी एक शोध सामने आया था।

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ठळक मुद्देवेल्लोर क्रिस्टियान मेडिकल कॉलेज की ओर से किया जाएगा मिक्स वैक्सीन के प्रभाव पर शोध और क्लीनिकल ट्रायल।हाल में आईसीएमआर का भी एक शोध सामने आया था जो यूपी में 18 लोगों पर किया गया था।CDSCO के एक विशेषज्ञ पैनल ने भी 29 जुलाई को इस संबंध में शोध के लिए एक प्रस्ताव भेजा था।

नई दिल्ली: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मिश्रित डोज पर शोध को लेकर मंजूरी दे दी है। भारत में कोरोना से बचाव के लिए मुख्य रूप से अभी ये दो वैक्सीन ही दी जा रही है। इनके मिश्रित डोज से होने वाले प्रभाव को लेकर शोध और क्लीनिकल ट्रायल वेल्लोर क्रिस्टियान मेडिकल कॉलेज की ओर से किया जाएगा।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सीमसी, वेल्लोर (तमिलनाडु) को वैक्सीन के मिश्रण पर रिसर्च के लिए मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के एक विशेषज्ञ पैनल ने 29 जुलाई को इस संबंध में शोध के लिए एक प्रस्ताव भेजा था।

ये शोध हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के उस शोध से अलग होगा जिसमें हाल में कहा गया था कि कोविड वैक्सीन को मिक्स किए जाने से इम्यूनिटी के मामले में बेहतर नतीजे मिले हैं। हालांकि वैक्सीन के मिक्स डोज दिए जाने की बात पर कुछ चिंता भी पूर्व में जताई जा चुकी है।

वैक्सीन के मिक्स डोज पर क्या थी ICMR की स्टडी

हाल में आईसीएमआर ने कहा था कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिक्स डोज लेने से बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। आईसीएमआर ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर ये शोध किया था। 

ये शोध उत्तर प्रदेश के उन 18 लोगों को पर किया गया जिन्होंने गलती से दोनों वैक्सीन की डोज ले ली थी। साथ ही आईसीएमआर की ओर से कहा गया कि अभी ऐसे शोध को और गहराई से किए जाने की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश के जिन 18 लोगों पर शोध किया गया, वे सभी सिद्धार्थनगर के हैं। इन्हें पहले डोज में कोविशील्ड दिया गया था लेकिन बाद में मई में स्वास्थ्यकर्मियों की गलती से इन्हें दूसरे डोज में कोवैक्सीन दे दी गई थी। 

शोध में ये जानने की कोशिश हुई कि जिन्होंने गलती से दो अलग-अलग वैक्सीन के डोज लिए, उन पर क्या असर हुआ। इसमें वैक्सीन से होने वाले किसी खतरे, इम्यूनिटी की तुलना उन लोगों से की गई जिन्होंने एक ही वैक्सीन के दोनों डोज लिए।

शोध में ये बात सामने आई कि मिक्स वैक्सीन की डोज लेने वालों में कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी विकसित हुई।

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