चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से बुधवार को टकराया। भारत में पिछले दो हफ्तों में ये दूसरा चक्रवाती तूफान है। निसर्ग का सबसे ज्यादा असर मुंबई और महाराष्ट्र के कई इलाकों में पड़ने वाला है। इसके अलावा गुजरात के कई इलाकों में भी अलर्ट है। मुंबई करीब 129 साल बाद किसी इतने शक्तिशाली चक्रवाती तूफान का सामना कर रहा है।
बहरहाल, निसर्ग चक्रवात के महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में पहुंचने के बारे में भारतीय मौसम विभाग की ओर से जानकारी देते हुए ट्वीट किया गया, 'निसर्ग चक्रवात का केंद्र महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से काफी करीब है। लैंडफॉल की प्रक्रिया अभी जारी है और अगले तीन घंटे में ये पूरा हो जाएगा। निसर्ग का नॉर्थईस्ट सेक्टर तट पर आ रहा है।'
चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया अपराह्न करीब साढ़े 12 बजे आरंभ हो गई थी। आखिर अपडेट के अनुसार चक्रवात मुंबई से 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अलीबाग से करीब 40 किलोमीटर दूर था। आईएमडी ने एक बयान में कहा, 'बादल का दाहिना हिस्सा महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र, खासकर रायगढ़ जिले से होकर गुजर रहा है।' उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण इस समय 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
इस बीच एनडीआरएफ के डायरेक्टर जनरल एसएन प्रधान ने बताया है कि एनडीआरएफ की 43 टीमें दोनों राज्यों में तैनात की गई हैं। प्रधान ने कहा, 'एनडीआरएफ की 21 टीमें महाराष्ट्र और 16 टीमें गुजरात में हैं। करीब एक लाख लोगों को प्रभावित जगहों से निकाला जा चुका है।'
तूफान को देखते हुए ट्रेनों के समय में परिवर्तन किया गया है। साथ ही मुंबई में उड़ानें भी रद्द की गई। मछुआरों को समुद्र में ना जाने का आदेश दिया गया और राहत कर्मी तैनात किए गए हैं। कोविड-19 महामारी के संकट से पहले से ही जूझ रहे महाराष्ट्र और गुजरात जूझ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मंगलवार को इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था।