अहमदाबाद: भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए कहा है कि चक्रवात 'बिपरजॉय' ने गुजरात के सौराष्ट्र व कच्छ इलाकों में दस्तक दे दी है। मोरबी में चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से भारी बारिश के साथ तेज आंधी चल रही है। आईएमडी के मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि लैंडफॉल शुरू हो गया है, आधी रात तक जारी रहेगा।
आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने एएनआई को बताया कि यह कराची और मांडवी के बीच और गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के करीब तट से टकराएगा। यह अब अरब सागर में जखाऊ बंदरगाह से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है। यह लगभग 15 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है ... इसलिए, सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय जिलों में लैंडफॉल प्रक्रिया शुरू हो गई है...आधी रात तक, लैंडफॉल प्रक्रिया जारी रहेगी..।"
चक्रवात के टकराने से पहले, साइक्लोन के 'वॉल क्लाउड' क्षेत्र ने सौराष्ट्र तट को छुआ था, जो कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास लैंडफॉल की ओर बढ़ रहा था। `वॉल क्लाउड्स' ऐसे बादल हैं जो सामान्य तूफानी बादलों से नीचे गिरते हैं। चक्रवात को देखते हुए अब तक, अधिकारियों ने आठ तटीय जिलों में लगभग एक लाख लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 15 टीमों, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की 12 टीमों के साथ-साथ भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, भारतीय तटरक्षक और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों को राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। चक्रवात के कारण बड़े ज्वार-भाटे को देखते हुए, लोगों को समुद्र के पास जाने से रोक दिया गया है, साथ ही सभी समुद्र तटों पर लाइफगार्ड तैनात किए गए हैं।
राहत कार्य को लेकर गुजरात सरकार ने एक बयान में कहा कि अब तक निकाले गए 94,427 लोगों में से कच्छ जिले से 46,800, देवभूमि द्वारका से 10,749, जामनगर से 9,942, मोरबी से 9,243, राजकोट से 6,822, जूनागढ़ से 4,864, पोरबंदर से 4,379 और गिर सोमनाथ से 1,605 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है उनमें 8,900 बच्चे, 1,131 गर्भवती महिलाएं और 4,697 बुजुर्ग व्यक्ति शामिल हैं। इन आठ जिलों में कुल 1,521 आश्रय गृह स्थापित किए गए हैं। चिकित्सा दल नियमित अंतराल पर इन आश्रयों का दौरा कर रहे हैं।