लाइव न्यूज़ :

हिरासत में मौत: 20 सालों में 1888 लोगों की मौत, केवल 26 पुलिसवाले दोषी ठहराए गए, 1185 अदालत में भी पेश नहीं किए गए थे

By विशाल कुमार | Updated: November 16, 2021 08:15 IST

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, साल 2001 से 1185 ऐसे लोगों की मौत दर्ज की गई जिन्हें गिरफ्तारी के बाद अभी अदालत में पेश नहीं किया गया था जबकि 703 लोगों की मौत अदालत में पेश किए जाने के बाद दर्ज की गई.

Open in App
ठळक मुद्दे2001-20 के दौरान पुलिसवालों के खिलाफ 893 मामले दर्ज किए गए.साल 2006 में सबसे अधिक 11 पुलिसवालों को हिरासत में मौत का दोषी ठहराया गया था.पिछले चार सालों में हिरासत में मौत के मामलों में 96 पुलिसवाले गिरफ्तार किए गए.

नई दिल्ली: पिछले 20 सालों में देशभर में हिरासत में मौत के 1888 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें पुलिसवालों के खिलाफ 893 मामले दर्ज किए गए. इसमें से केवल 358 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई लेकिन केवल 26 पुलिसवाले इस दौरान दोषी ठहराए गए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2001-20 तक एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2006 में सबसे अधिक 11 पुलिसवालों को हिरासत में मौत का दोषी ठहराया गया था. इसमें से सात मध्य प्रदेश और चार उत्तर प्रदेश थे.

2020 में हिरासत में मौत के 76 मामले दर्ज, कोई सजा नहीं

ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2020 में हिरासत में मौत के 76 मामले दर्ज किए गए जिसमें गुजरात में सबसे अधिक 15 मामले दर्ज किए गए.

इस सूची में शामिल अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल है. हालांकि, पिछले साल सजा दिए जाने का कोई मामला सामने नहीं आया.

पिछले चार सालों में 96 पुलिसवाले गिरफ्तार

एनसीआरबी साल 2017 से हिरासत में मौत के मामलों में गिरफ्तार पुलिसवालों का डेटा जारी कर रही है. पिछले चार सालों में हिरासत में मौत के मामलों में 96 पुलिसवाले गिरफ्तार किए गए. हालांकि, इसमें पिछले साल का आंकड़ा शामिल नहीं है.

1185 लोगों की अदालत में पेशी से पहले ही हिरासत में मौत

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, साल 2001 से 1185 ऐसे लोगों की मौत दर्ज की गई जिन्हें गिरफ्तारी के बाद अभी अदालत में पेश नहीं किया गया था जबकि 703 लोगों की मौत अदालत में पेश किए जाने के बाद दर्ज की गई.

वहीं, जिन 893 मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए उनमें से 518 ऐसे थे जिन्हें अदालत में पेश नहीं किया गया था.

अल्ताफ की मौत से हिरासत में मौत के मामलों पर एक बार फिर उठे सवाल

बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश के कासगंज में हिंदू परिवार की एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी के बाद हिरासत में लिए गए 22 वर्षीय अल्ताफ की मौत के बाद देश में हिरासत में मौत के मामले ने एक बार फिर तुल पकड़ लिया है.

इस मामले में कासगंज के कोतवाली पुलिस स्टेशन के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इसके बावजूद पुलिस का दावा है कि अल्ताफ ने 2-3 फीट ऊंची पानी की टोटी से अपना जैकेट बांधकर आत्महत्या कर ली. अधिकारियों ने विभागीय जांच और मजिस्ट्रेट जांच दोनों साथ में कराने की बात कही है.

टॅग्स :एनसीआरबीPolice
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टKarnataka: बेलगावी में स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

भारतJhalawar: फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन कब्जा के मामले में कांग्रेस नेता गिरफ्तार, 2019 में लड़ा था चुनाव

क्राइम अलर्टपति से अलग होकर महिला छात्रावास में रह रही थी पत्नी, मिलने के बहाने से हॉस्टल गया और कहासुनी के बाद दरांती से काटा, शव के साथ सेल्फी ले व्हाट्सएप स्टेटस पर डाला, वीडियो

क्राइम अलर्टपहले गोली मारी और फिर सिर पर टाइल से वार कर मारा?, पिता और भाई ने प्रेमी सक्षम ताटे की हत्या की, 21 वर्षीय प्रेमिका आंचल मामिडवार ने शव से किया शादी, वीडियो वायरल

क्राइम अलर्ट7 दिन से फोन करना बंद, पैसे उड़ाए, घर में लगे एयर कंडीशनर की किस्त दे रहा हूं?, 22 साल की प्रेमिका की शादी कहीं और तय?, नाराज प्रेमी प्रदीप ने गोली मारी

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई