नई दिल्ली: देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम समर्थित छात्र संगठन के बीच हुई ताजा झड़प को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तमिल छात्रों पर हुए हमलों की निंदा की है। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से दोषी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग की है। स्टालिन ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल सीखने के लिए ही नहीं बल्कि चर्चा और बहस के लिए भी स्थान हैं।
उन्होंन कहा कि एबीवीपी द्वारा तमिल छात्रों पर कायराना हमला और जेएनयू में पेरियार, कार्ल मार्क्स जैसे नेताओं के चित्रों को तोड़ना निंदनीय है और विश्वविद्यालय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा, जेएनयू और दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मियों ने अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाले और केंद्रीय भाजपा शासन के आलोचक रहे छात्रों पर हुई हिंसा के लिए बार-बार मूक दर्शक बने रहे हैं। मैं छात्रों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता हूं और वीसी से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध करता हूं।
इससे पहले जेएनयू में हुई झड़प को लेकर जेएनयू एबीवीपी सचिव ने कहा, यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के सदस्यों द्वारा लगाए गए शिवाजी महाराज के चित्र को तोड़ा गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवाजी जयंती के अवसर पर हमने छात्र गतिविधि केंद्र में एक चित्र रखा, लेकिन एसएफआई के छात्रों ने इसे कमरे के बाहर फेंक दिया, जबकि माला कूड़ेदान में फेंक दी गई।
वहीं जेएनयू एनएसयूआई के महासचिव ने कहा कि ABVP के सदस्यों ने JNUSU कार्यालय में शिवाजी का चित्र रखा, जिसके लिए JNUSU प्रतिनिधिमंडल से अनुमति की आवश्यकता थी। इसके बावजूद उन्होंने इसे अवैध तरीके से किया। अन्य छात्र वहां आए और स्क्रीनिंग कार्यक्रम के लिए सभी पोर्ट्रेट हटा दिए, जिसके कारण दो समूहों के बीच लड़ाई छिड़ गई।