नई दिल्ली: आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। यह आदेश दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाया है। केवल केजरीवाल की पत्नी और उनके वकील को ही उनसे मिलने की इजाजत होगी।
दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में केजरीवाल की हिरासत की मांग करने वाली सीबीआई की रिमांड अर्जी में कहा गया है कि नीति को कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के चरम के दौरान जल्दबाजी में लागू किया गया था। रिमांड आवेदन में अधिकारियों के बयानों का हवाला दिया गया है, जिसमें पुष्टि की गई है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्रिपरिषद के बीच संचलन के माध्यम से मसौदा उत्पाद शुल्क नीति को तत्काल मंजूरी देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव प्रवेश झा ने नीति अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार से निर्देश प्राप्त करने की बात स्वीकार की।
उत्पाद नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने बुधवार को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच में उनकी कथित भूमिका के संबंध में आगे की पूछताछ के लिए केजरीवाल को हिरासत में लेने के सीबीआई के अनुरोध को मंजूरी दे दी।
केजरीवाल की हिरासत की मांग करते हुए सीबीआई ने अदालत से कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ की जरूरत है। उसने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का मामले में मौजूद सबूतों और अन्य आरोपियों से आमना-सामना कराया जाना जरूरी है। संघीय एजेंसियों ने पहले दावा किया था कि अब खत्म कर दी गई आबकारी नीति को तैयार करने के संबंध में एक तथाकथित “दक्षिण लॉबी” द्वारा निर्देशन दिया गया था और मुख्यमंत्री इस सबमें शामिल थे।
इस बीच केजरीवाल ने उसी मामले में निचली अदालत द्वारा दी गई जमानत पर दिल्ली उच्च न्यायालय के अस्थायी निलंबन को चुनौती देने वाली अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली। केजरीवाल को कथित शराब उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी। उन्होंने 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर किया था।