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Court Case Against Narendra Modi: पीएम मोदी के खिलाफ बेंगलुरु कोर्ट में दर्ज हुआ केस, 'मुसलमानों' के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का लगा आरोप

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 27, 2024 08:40 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव अभियान के दौरान उत्तेजक और घृणास्पद भाषण" देने का आरोप में बेंगलुरु के जन प्रतिनिधि विशेष (मजिस्ट्रेट) अदालत में केस दर्ज कराया गया है।

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ठळक मुद्देपीएम मोदी के खिलाफ बेंगलुरु के जन प्रतिनिधि विशेष (मजिस्ट्रेट) की कोर्ट में दर्ज हुआ केसपीएम मोदी के खिलाफ यह केस हेब्बल के जियाउर रहमान नोमानी ने 23 मई को दर्ज कराया हैनोमानी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी के भाषण में मुसलमानों पर अपमानजनक टिप्पणी की गई है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव अभियान के दौरान उत्तेजक और घृणास्पद भाषण" देने का आरोप में बेंगलुरु के जन प्रतिनिधि विशेष (मजिस्ट्रेट) अदालत में केस दर्ज कराया गया है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पीएम मोदी के खिलाफ यह केस हेब्बल के जियाउर रहमान नोमानी ने 23 मई को 42वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) कोर्ट में दर्ज कराया है।

कोर्ट में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार पीएम मोदी ने राजस्थान में अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा था, "अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह देश के लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में दोबारा बांट देगी।"

जियाउर रहमान नोमानी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी का वह भाषण मुसलमानों के लिए बेहद अपमानजनक है, जिसका अर्थ है कि नरेंद्र मोदी मुसलमानों को देश की संपत्ति लूटने वाले आक्रमणकारियों के बराबर बता रहे हैं।

उन्होंने तर्क दिया कि इस तरह की बयानबाजी नफरत समुदायों के बीच नफरत भड़काती है और उस काऱण सार्वजनिक सद्भाव को भारी चोट पहुंचती है, जिससे पीएम मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई बेहद आवश्यक है।

बताया जा रहा है कि अदालत ने इस केस की सुनवाई 28 मई को निर्धारित की है, जिसमें शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व वकील मुर्तजा अली बेग करेंगे।

वादी ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनाव प्रचार के दौरान दिया कथित भाषण बेहद आपत्तिजनक और मुसलमानों को आहत करने वाला है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि पीएम मोदी के खिलाफ अमृतहल्ली पुलिस स्टेशन को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।

उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (आरोप, प्रतिकूल दावे)। राष्ट्रीय एकता), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य), 503 और 504 (आपराधिक धमकी और जानबूझकर अपमान) धारा 505(2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, नफरत या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) वाली धाराओं में केस दर्ज किया जाए।

26 अप्रैल को मानवाधिकार कार्यकर्ता जियाउर रहमान नोमानी ने शुरू में अमृतहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस ने चुनाव संबंधी मुद्दों पर चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने से इनकार कर दिया था।

उसके बाद याचिकाकर्ता ने 27 अप्रैल को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद को भी ईमेल के माध्यम से अपनी शिकायत भेजी थी, लेकिन उनकी ओर से भी कथित तौर पर कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।

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