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भारत के भ्रष्टाचार सूचकांक में एक स्थान का सुधार लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था पर खड़े किए गए सवाल, निगरानी सूची में डाला गया

By विशाल कुमार | Updated: January 26, 2022 07:58 IST

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की लोकतांत्रिक स्थिति को लेकर चिंताएं हैं, क्योंकि मौलिक स्वतंत्रता और संस्थागत नियंत्रण और संतुलन का क्षय हो रहा है और पत्रकार और कार्यकर्ता विशेष रूप से जोखिम में हैं।

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ठळक मुद्देएक दशक में भारत को कितना भ्रष्ट माना जाता है, इस बारे में बहुत कुछ नहीं बदला है।भारत को निगरानी वाले एक देश के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।पाकिस्तान को इस सूची में 140वां स्थान दिया गया है।

नई दिल्ली: भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक (सीपीआई) 2021 में 180 देशों की सूची में भारत को 85वां स्थान मिला है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पिछली बार के मुकाबले भारत की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार हुआ है हालांकि रिपोर्ट में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए हैं। 

एक दशक में भारत को कितना भ्रष्ट माना जाता है, इस बारे में बहुत कुछ नहीं बदला है। भारत उन 180 देशों में से 86 फीसदी देशों में शामिल है, जिन्होंने 2012 के बाद से बहुत कम या कोई प्रगति नहीं की है।

रिपोर्ट में भारत के ठहराव चिंताजनक बताते हुए भारत को निगरानी वाले एक देश के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की लोकतांत्रिक स्थिति को लेकर चिंताएं हैं, क्योंकि मौलिक स्वतंत्रता और संस्थागत नियंत्रण और संतुलन का क्षय हो रहा है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पत्रकार और कार्यकर्ता विशेष रूप से जोखिम में हैं और पुलिस, राजनीतिक उग्रवादियों, आपराधिक गिरोहों और भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों के हमलों के शिकार हुए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार के खिलाफ बोलने वाले नागरिक समाज संगठनों को सुरक्षा, मानहानि, देशद्रोह, हेट स्पीच और अदालत की अवमानना के आरोपों और विदेशी फंडिंग पर नियमों के साथ निशाना बनाया गया है।

विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के कथित स्तरों के आधार पर 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग की सूची तैयार की जाती है। 

यह रैंकिंग 0 से 100 अंकों के पैमाने का उपयोग कर तय की जाती है। शून्य अंक प्राप्त करने वाला देश सर्वाधिक भ्रष्ट होता है जबकि 100 अंक प्राप्त करने वाले देश को भ्रष्टाचार की दृष्टि से बेहद स्वच्छ माना जाता है। 

भारत को इस सूची में 40 अंकों के साथ 85वां स्थान मिला है। चीन (45), इंडोनेशिया (38), पाकिस्तान (28) और बांग्लादेश (26) अंकों के साथ इस सूची में विभिन्न स्थानों पर हैं। 

पाकिस्तान को इस सूची में 140वां स्थान दिया गया है। डेनमार्क, फिनलैंड, न्यूजीलैंड और नॉर्वे ने इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है।

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