नई दिल्ली: कोरोन वायरस का डेल्टा वैरिएंट भारत में कोविड की दूसरी लहर के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। एक सरकारी अध्ययन में ये बात सामने आई है। डेल्टा वैरिएंट दरअसल पहली बार भारत में ही मिला था और इसी की वजह से संक्रमण देश में तेजी से पिछले कुछ दिनों में फैला।
भारतीय SARS COV2 जीनोमिक कंसोर्टिया और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा संस्करण या B.1.617.2 स्ट्रेन ब्रिटेन के केंट में मिले अल्फा स्ट्रेन की तुलना में "अधिक संक्रामक" है। भारत में दूसरी लहर क्यों तेजी से फैली, इसकी जांच के लिए यह अध्ययन शुरू किया गया था।
अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट वास्तव में अल्फा स्ट्रेन की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक है।
क्या डेल्टा स्ट्रेन की वजह से बढ़ी मृत्यु दर
वैज्ञानिकों का हालांकि कहना है कि अधिक मौतों या मामलों की अधिक गंभीरता में डेल्टा वैरिएंट की भूमिका का अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
गौरतलब है कि यूके के पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई), जो देश में कोविड वैरिएंट की निगरानी करता है, ने कहा है कि शुरुआती सबूत बताते हैं कि अल्फा की तुलना में डेल्टा वैरिएंट के साथ अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन इसके लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है।
यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के मुख्य कार्यकारी जेनी हैरिस ने न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के हवाले से बताया कि यह वैरिएंट अब पूरे यूके में प्रभावी है, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी यथासंभव सावधानी बरतें।
वर्तमान में चल रहे भारत के अध्ययन के मुताबिक जीनोमिक अनुक्रमण (genomic sequencing) से पता चला है कि देश में 12,200 से अधिक वैरिएंट के अलग-अलग मामले आ चुके हैं। हालांकि उनकी उपस्थिति डेल्टा वेरिएंट की तुलना में बहुत कम है।
देश के सभी राज्यों में डेल्टा वैरिएंट का प्रकोर
अध्ययन में बताया गया है कि डेल्टा वैरिएंट सभी राज्यों में मौजूद है। वहीं दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में सबसे ज्यादा संक्रमण हुआ है, और दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।
Breakthrough infections या टीकाकरण के बाद कोविड संक्रमण में डेल्टा संस्करण की भूमिका बड़ी पाई गई है। अध्ययन में पाया गया है कि अगर अल्फा संस्करण की बात करें तो ऐसे कोई मामले सामने नहीं आए हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि भारत में 29,000 कोविड मामले के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई है। 8,900 नमूनों में वेरिएंट बी.1.617 पाया गया है। उनमें से 1,000 से अधिक नमूनों का डेल्टा संस्करण के लिए परीक्षण किया गया।
बता दें कि पिछले 24 घंटे में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1.32 लाख नए मामलों के साथ भारत में अब तक 2.85 करोड़ से अधिक कोविड मामले दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरी लहर खत्म हो रही है। पिछले 11 दिनों से पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से कम है।