केंद्र का निर्देश, देश के 10 लाख जवान रोजाना संपर्कों का ब्योरा रखें, हाजिरी और कैंटीन में भीड़भाड़ से बचें, मास्क पहनकर रहिए
By भाषा | Published: April 17, 2020 05:11 PM2020-04-17T17:11:41+5:302020-04-17T17:11:41+5:30
केंद्र सरकार ने अपने जवान को दिशा-निर्देश जारी किया है। जवान लॉकडाउन, कोरोना वायरस सहित देश की सुरक्षा से जूझ रहे हैं। केंद्र सरकार ने करीब 10 लाख कर्मियों की सुरक्षा के लिए नया दिशानिर्देश जारी किए हैं।
नई दिल्लीः सरकार ने एक नए दिशानिर्देश में अर्द्धसैनिक बलों से कहा है कि वे रोजाना अपने संपर्कों का ब्योरा रखें और हाजिरी तथा कैंटीन में भीड़भाड़ से बचें।
सरकार ने कोविड-19 महामारी से इन बलों के करीब 10 लाख कर्मियों की सुरक्षा के लिए नया दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह 22-सूत्री दिशानिर्देश शुक्रवार को जारी किए गए और इसमें गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के लिए मास्क अनिवार्य बना दिया है।
निर्देशों में कहा गया है कि वे सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करें और हाथों की सफाई के लिए पास में छोटा सा साबुन या सेनेटाइज़र रखें। इसके अलावा अगर कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई लक्षण दिखे तो खुद अपना इलाज नहीं करें।
अर्द्धसैनिक बलों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) भी कहा जाता है। निर्देशों में कहा गया है कि जवानों को रिकॉर्ड रखना चाहिए कि वे किसके संपर्क में आए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें पौष्टिक भोजन और पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिले। इसके साथ ही हर किसी को पर्याप्त नींद लेने की भी सलाह दी गयी है।
दिशानिर्देश की प्रति पीटीआई भाषा के पास है। सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले दो अन्य बलों राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स को भी ऐसे ही निर्देश जारी किए गए हैं।
दिशानिर्देशों के अनुसार, एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) और इसी तरह की अन्य ड्यूटी पर तैनात तैनात जवानों को अनिवार्य रूप से मास्क और दस्ताने पहनने चाहिए क्योंकि उनका काम लोगों की जांच करना भी होता है। इसमें कहा गया है कि जहां तक संभव हो, संपर्क में आए बिना जांच की शुरूआत की जानी चाहिए।
दिशानिर्देशों में इन बलों के डॉक्टरों और पैरामेडिकल टीमों से कहा गया है कि वे कोरोना वायरस के संबंध में जवानों को जागरूक करें। इसके साथ ही उन्हें बताएं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। इस बीमारी के कारण दुनिया भर में दस लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और हजारों लोगों की मौत हो गयी है।