नई दिल्ली: कोरोना वायरस वैक्सीन का टीका कल (शनिवार) से देश भर में लगना शुरू हो जाएगा। देशभर में कुछ खास अस्पताल चयनित किए गए हैं, जहां पहले चरण का टीका दिया जाना है। टीकाकरण से पहले इन अस्पतालों में नियम व दिशा-निर्देश सरकार की तरफ से भेज दिए गए हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर लोगों के बीच तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं इन दावों पर नरेंद्र मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जवाब दिया है।
इसी तरह के सोशल मीडिया पर किए जा रहे एक दावे कि भारतीय वैक्सीन दूसरे देशों की वैक्सीन की तुलना में कम प्रभावकारी है। इस दावे पर जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि सच्चाई यह नहीं है। यह भ्रम है। भारतीय वैक्सीन कई ट्रायल तथा परीक्षणों से गुजरा है और यह कोरोना के खिलाफ सटीक और प्रभावकारी है।
सिर्फ सीनियर सिटीजन व 10 साल से कम उम्र के बच्चे के बच्चे को दिया जाएगा वैक्सीन?
इसके साथ ही एक अन्य दावे कि सिर्फ सीनियर सिटीजन व 10 साल से कम उम्र के बच्चे और स्वास्थ्य कर्मियों को टीका किया जाएगा। इस दावे पर सफाई देते हुए मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने पहले टीकाकरण के लिए अत्यधिक जोखिम वाले समूहों को चुना है। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मी व फ्रंटलाइन वर्कर्स, फिर 50 साल से अधिक उम्र के लोग, पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित लोग और उसके बाद उन सभी को उपलब्ध होगा,जिन्हें जरूरत है।
सरकार ने सभी लोगों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य कर दिया है?
कुछ लोग यगह कह रहे थे कि सरकार ने सभी लोगों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य कर दिया है। इसपर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि नहीं, टीकाकरण स्वैच्छिक है। हालांकि यह सलाह दी जाती है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए वैक्सीन की पूरी खुराक लेना आवश्यक है।
भारतीय वैक्सीन कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट पर काम नहीं करेगा?
एक अन्य दावे में लोगों ने कहा कि यह वैक्सीन ब्रिटेन में मिल कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट पर काम नहीं करेगा। इसके जवाब में हर्षवर्धन ने ट्वीट कर कहा कि इस बात का कोई प्रमाण मौज़ूद नहीं है कि वैक्सीन यूके तथा दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए प्रकार के विरुद्ध कारगर नहीं है।