लाइव न्यूज़ :

कोरोना संकट: 245 रुपये की टैस्ट किट आईसीएमआर आखिर क्यों खरीद रही थी 600 रुपये में

By शीलेष शर्मा | Updated: April 28, 2020 05:28 IST

अदालत में मामला पहुँचने पर सरकार ने यह कह कर हाथ झाड़ लिये कि चूँकि टैस्ट किट सही नहीं हैं इसलिए यह किट वापस किये जाएंगे और देश का कोई पैसे का नुकसान नहीं होने दिया जायेगा। 

Open in App
ठळक मुद्देजब घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुयीं तो पता चला कि आईसीएमआर के कहने पर मेट्रिक्स लैब्स नाम की जिस कंपनी को चीन से 5 लाख टैस्ट किट आयत करने का ऑर्डर मिला उसने 5 लाख टैस्ट किट तो आयात कियेदोनों कंपनियों ने मिली भगत कर 18 करोड़ 75 लाख की रकम डकार ली।

नयी दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान देश भर में कालाबाज़ारी का बोलबाला है, दाल, आटा, सब्जी से लेकर हर ज़रूरत की चीज़ बड़े दामों में बिक रही है। हैरानी की बात तो उजागर हुयी जब दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति नाज़मी बाज़ीर की अदालत में इस बात का खुलासा हुआ की कोरोना टैस्ट किट जो केवल 245 रुपये की थी उसे आईसीएमआर को 600 रुपये में बेचा जा रहा था। 

जब घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुयीं तो पता चला कि आईसीएमआर के कहने पर मेट्रिक्स लैब्स नाम की जिस कंपनी को चीन से 5 लाख टैस्ट किट आयत करने का ऑर्डर मिला उसने 5 लाख टैस्ट किट तो आयात किये लेकिन उनको उसने एक अन्य कंपनी को 21 करोड़ में बेच दिया, साढ़े सात करोड़ का मुनाफ़ा बतौर बिचौलिया अपनी जेब में डाल लिया ,दूसरी कंपनी ने 21 करोड़ में टैस्ट किट खरीद कर 30 करोड़ में आईसीएमआर को बेच दी। 

इस कंपनी ने भी डंडी मारी और 9 करोड़ की रक़म मुनाफ़े के नाम पर अपनी जेब में डाल लिये। दोनों कंपनियों ने मिली भगत कर 18 करोड़ 75 लाख की रकम डकार ली। अदालत में मामला पहुँचने पर सरकार ने यह कह कर हाथ झाड़ लिये कि चूँकि टैस्ट किट सही नहीं हैं इसलिए यह किट वापस किये जाएंगे और देश का कोई पैसे का नुकसान नहीं होने दिया जायेगा। 

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अदालत से हुये खुलासे का संज्ञान लेते हुए सरकार पर सवाल खड़े किये कि वह क्या कर रही थी ,जब राज्यों को ऐसी कोई सामग्री के आयात को केंद्र ने प्रतिबंधित किया तथा आयत का अधिकार अपने पास रखा तो केंद्र इस घोटाले से पल्ला कैसे झाड़ सकता है। तिवारी ने मांग की कि कोरोना महामारी से निपटने के लिये अब तक जो कुछ केंद्र सरकार के 

इशारे पर आयत किया गया है जिसमें टैस्ट किट ,मॉस्क ,पीपीई किट व् अन्य सामग्री उनके आयात संबंधी दस्तावेज़ सार्वजानिक किये जाएं। उनकी यह मांग भी थी कि कालाबाज़ारी को तुरंत रोका जाये। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अब इस बात के तथ्य जुटाने में लगी है कि किसके कहने पर मैट्रिक्स लैब्स को किट आयात का आदेश दिया गया था और इस डील में कौन कौन शामिल है। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत