नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर की गई हत्या के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के नेताओं ने भी इस मामलें में योगी सरकार पर निशाना साधा है। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत भी गर्माई हुई है।
अब सपा नेता ने अतीक अहमद हत्याकांड पर बात करते हुए कुछ ऐसा कह दिया है जिस पर विवाद खड़ा हो सकता है। इटावा में मीडिया से बात करते हुए सपा नेता ने कहा, "मीडिया ने गैंगस्टर बना दिया। कभी-कभी कुछ घटनाएं हो जाती हैं, बड़े-बड़े लोगों से हो जाती है। यहां ऐसे बड़े-बड़े पदों पर लोग बैठे हैं जिन्होंने बम फेंककर 10-15 लोगों को मरवा दिया तब (उनको) कोई नहीं कहता गैंगस्टर है। अतीक के डिफेंस में मैं कुछ नहीं कह रहा, लेकिन किसी भी व्यक्ति को भारत का संविधान और कानून पकड़कर मारने की इजाजत नहीं देता है।"
राम गोपाल यादव ने आगे कहा, "इतने मामले बताए गए लेकिन किसी में भी अतीक अहमद दोषसिद्ध नहीं हुआ। फर्जी मुकदमे रोज लोगों के खिलाफ लिखाए जाते हैं। अतीक अहमद 1989, 1991, 1993, 1995 से विधायक और 14वीं लोकसभा में फूलपुर से सांसद हुए। ऐसा तो था नहीं कि सभी गुंड़ा बदमाश चुनाव जीत जाते हैं। वह रिकॉर्ड 3 बार निर्दलीय चुनाव जीते।"
बता दें कि पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए शनिवार देर रात प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए तीन बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने खुद को पत्रकार के रूप में पेश किया और उनके पास नकली कैमरा, माइक आईडी और जाली पहचान पत्र भी थे। हमले में शामिल तीन लोगों को मौके पर ही पकड़ लिया गया।
इस मामलें में शामिल रहे तीन हमलावरों की पहचान भी हो चुकी है। तीनों हमलावरों की पहचान- लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। तीनों बाइक सवार बदमाश मीडियाकर्मी बनकर आए थे और घटना को अंजाम देने के बाद सरेंडर कर दिया। अब पुलिस इन तीनों का इतिहास खंगाल रही है। हत्याकांड के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।