नई दिल्ली: भारतीय तटरक्षक बल भारतीय तटों को सुरक्षित रखने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अब इसकी ताकत में और ज्यादा इजाफा होने वाला है। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के लिए दो डोर्नियर विमानों की खरीद के लिए 7 जुलाई 2023 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस अनुबंध के मुताबिक भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) को दो डोर्नियर विमान संबंधित इंजीनियरिंग सहायता पैकेज के साथ मिलेंगें। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ ये सौदा 458.87 करोड़ रुपये में हुआ है।
डोर्नियर विमानों का इस्तेमाल समुद्री क्षेत्रों पर हवाई निगरानी करने के लिए किया जाएगा। इन विमानों में ग्लास कॉकपिट, समुद्री गश्ती रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिक इंफ्रा रेड डिवाइस, मिशन प्रबंधन प्रणाली (एमएमएस) जैसे कई उन्नत उपकरण विमान में लगाए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इन विमानों के जुड़ने से समुद्री क्षेत्रों की हवाई निगरानी क्षमता में और वृद्धि होगी।
बता दें कि डोर्नियर विमानों का इस्तेमाल सैनिकों के परिवहन, हवाई सर्वेक्षण, खोज और बचाव, कार्गो और रसद सहायता के लिए भी किया जा सकता है। विमान के कॉकपिट में चालक दल के दो सदस्य बैठ सकते हैं। इसके अलावा केबिन में 17 यात्री बैठ सकते हैं।
वायुसेना के पास इस समय 50 यूटिलिटी विमान डोर्नियर-228 सेवा में हैं। नौसेना भी इन विमानों का इस्तेमाल करती है। डोर्नियर-228 एक ट्विन-टर्बोप्रॉप शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग यूटिलिटी विमान है, जिसे भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने द्वारा निर्मित किया गया है।
भारतीय तटरक्षक बल के प्राथमिक कर्तव्यों में से एक जिम्मेदारी अपने क्षेत्र में समुद्री मार्गों के माध्यम से तस्करी की रोकथाम है। पिछले एक साल में इसने करीब चार हजार करोड़ रुपये के मादक पदार्थ और प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किए हैं। इसलिए दो डोर्नियर विमानों की खरीद से इसकी ताकत और बढे़गी।