नई दिल्ली: भारत और अमेरिका मंगलवार को 31 हथियारबंद MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन के लिए 3.3 बिलियन डॉलर (28,000 करोड़ रुपये) के अनुबंध पर हस्ताक्षर करेंगे। 31 'हंटर-किलर' ड्रोनों को शामिल करने से लंबी दूरी के रणनीतिक ISR (खुफिया, निगरानी, टोही) मिशनों और संवेदनशील लक्ष्यों के खिलाफ सटीक हमलों को अंजाम देने में भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।
हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन तेजी से अपनी नौसैनिक उपस्थिति और टर्नअराउंड सुविधाओं का विस्तार कर रहा है। इन ड्रोन्स के शामिल होने से चीन की हरकतों पर नजर रखना भी आसान हो जाएगा। अमेरिका के साथ सरकार-से-सरकार सौदे के तहत इस डील को 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने मंजूरी दे दी थी।
हेलफायर मिसाइलों, जीबीयू-39बी प्रेसिजन-गाइडेड ग्लाइड बम, नेविगेशन सिस्टम, सेंसर सूट और मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम के साथ 31 रिमोट-पायलट विमान प्रणालियों की डिलीवरी लगभग चार साल में शुरू होगी और छह साल में पूरी हो जाएगी। मंगलवार को ड्रोन निर्माता जनरल एटॉमिक्स के साथ एक अलग अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे जो भारत में लड़ाकू आकार के कुछ एमक्यू-9बी को असेंबल करेगा।
40,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर लगभग 40 घंटे उड़ान भरने के लिए डिजाइन किए गए एमक्यू-9बी की क्षमताओं को चीन के मौजूदा सशस्त्र ड्रोन जैसे कै हांग-4 और विंग लूंग-II से कहीं बेहतर माना जाता है। चीन के कै हांग-4 और विंग लूंग-II का इस्तोमाल फिलहाल पाकिस्तान कर रहा है।
हालांकि एमक्यू-9बी सौदे में प्रौद्योगिकी का कोई हस्तांतरण (टीओटी) नहीं होगा, लेकिन जनरल एटॉमिक्स डीआरडीओ और अन्य को ऐसे भारी-भरकम ड्रोन विकसित करने के लिए विशेषज्ञता और परामर्श प्रदान करेगा, जो मानवयुक्त लड़ाकू जेट की तरह अपने अगले मिशन के लिए फिर से सशस्त्र होने के लिए अपने घरेलू ठिकानों पर लौटने से पहले दुश्मन के ठिकानों पर मिसाइलों और सटीक-निर्देशित हथियारों को दागने में सक्षम हैं।
भारत ने IOR के लिए अरक्कोणम और पोरबंदर तथा भूमि सीमाओं के लिए सरसावा और गोरखपुर में ISR कमांड और नियंत्रण केंद्रों पर MQ-9B ड्रोन तैनात करने की योजना बनाई है।केवल कुछ NATO देशों और अमेरिका के करीबी सैन्य सहयोगियों के पास ही प्रीडेटर या रीपर ड्रोन हैं, जिन्हें उपग्रहों द्वारा नियंत्रित किया जाता है और अफगानिस्तान तथा अन्य संघर्षों में सटीक हमलों में इनका सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है।