दिल्ली:गुलाम नबी आजाद द्वारा कांग्रेस को अलविदा कहे जाने के बाद से देश की सबसे पुरानी पार्टी में भूचाल मचा हुआ है। एक तरफ तो मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ नेता आजाद से इस्तीफे पर विचार करने के लिए कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में गुलाम नबी आजाद पर जबरदस्त हमला भी शुरू हो गया है।
इस संबंघ में कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को आजाद पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी असली डीएनए मोदीफाइड था, जो उनके इस्तीफे से उजागर हो गया है। कांग्रेस का मानना है कि गुलाम नबी आजाद ने मुश्किल दौर में इस्तीफा देकर पार्टी नेतृत्व के साल "विश्वासघात" किया है, इससे पचा चलता है कि उनका असली चरित्र और डीएनए "मोदी आधारित" है।
कांग्रेस ने राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद की विदाई के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई प्रशंसा को आधार बताते हुए कहा कि उनका इस्तीफा देना दरअसल पीएम मोदी के प्रति उनका और उनके प्रति पीएम मोदी के मधुर संबंधों को दर्शा रहा है, जिसके लिए आजाद ने आज उस पार्टी से नाता तोड़ लिया, जिसने उन्हें सियासत के इस मुकाम पर पहुंचाया था।
इसके साथ ही कांग्रेस ने कथिततौर पर कहा कि गुलाम नबी आजाद का "रिमोट कंट्रोल" इस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में है, जिसके कारण वो वैसे ही कार्य कर रहे हैं, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रसन्नता मिले। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा, "जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज़्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है। पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन… यह संयोग नहीं सहयोग है !"
कांग्रेस और की ओर से 73 साल के पूर्व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद के द्वारा पांच दशकों बाद पार्टी छोड़े जाने के बाद कुछ घंटों कइ तरफ से हमले हुए, हालांकि इस दौरान कांग्रेस का एक धड़ा इस कोशिश में लगा हुआ था कि गुलाम नबी आजाद अपना इस्तीफा वापस ले लें और इस बवाल को शांत कर दें।
इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना था कि गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे में जिस तरह से राहुल गांधी के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी की है वो बेहद शर्मनात है और इस बात को दर्शा रहा है कि वो राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए किस तरह से "व्यक्तिगत निंदा" भी कर सकते हैं।
रमेश ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे अधिक सम्मान दिया है, उसने अपने शातिर व्यक्तिगत हमलों से उसे धोखा दिया है जो उसके असली चरित्र को प्रकट करता है। गुलाम नबी आजाद का डीएनए अब बदल चुका है।"
इसके साथ ही कांग्रेस मीडिया सेल के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक है कि उन्होंने इस्तीफा तब दिया है, जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत पूरे कांग्रेस पार्टी देश में महंगाई के मुद्दे पर लगातार भाजपा से लड़ने-भिड़ने में लगी हुई है।
रमेश के अलावा मीडिया से बात करते हुए पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी गुलाम नबी आजाद पर तीखा हमला करते हुए कहा, "गुलाम नबी आज़ाद जैसे लोगों को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की आवाज़ सुननी चाहिए। ये क्या है कि राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होते ही आप बेचैन हो गए, आप एक पल भी बिना पद के नहीं रह सकते हैं। यह समय कांग्रेस ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चुनौती भरा समय है, जब सब मिलकर राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को मजबूत कर रहे हैं तो आप एक अलग कश्ती में सवार होने की मंशा पाल रहे हैं।"