प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पर किए गए टिप्पणी के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस ने पत्र लिखकर चुनाव आयोग से मांग की है कि इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनके चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगाई जाए। कांग्रेस ने यह भी कहा कि पीएम मोदी का बयान स्व. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए अपमानजनक था। पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में एक चुनावी सभा में कहा था, 'राजीव गांधी कांग्रेस के राजदरबारियों ने मिस्टर क्लीन बना दिया था, गाजे बाजे के साथ मिस्टर क्लीन-मिस्टर क्लीन चला था, लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया था।'
उत्तर प्रदेश कांग्रेस केमिट ने पीएम मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हु पत्र में लिखा है, ''पीएम मोदी ने देश के लिए शहीद हुए भारत रत्न राजीव गांधी के लिए अपशब्द बोलते हुए अपमानजनक बात कही है। प्रधानमंत्री मोदी को शायद यह बात नहीं पता है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी के विरुद्ध झूठे भ्रष्टाचार के आरोप के कोई साक्ष्य नहीं होने के कारण देश की सर्वोच्च जांच सस्था ने आरोपमुक्त करते हुए क्लीन चिट दे दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी का ऐसा खुले में अपमान करना आचार संहिता का उल्लंघन है। भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों का जिक्र करना आचार संहिता का उल्लंघन है। उनको चुनावी सभाओं में अनर्गल आरोपों से रोका जाए।'' ये शिकायत पत्र कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश संयोजक गंगा सिंह ने लिखा है।
कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने पीएम मोदी की निंदा की
कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने राजीव गांधी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस्तेमाल की गयी कथित ‘अपमानजनक’ भाषा की रविवार ( 6मई) को निंदा की और कहा कि इससे लोगों के बीच बीजेपी की छवि घटी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार दीक्षित ने मोदी से माफी मांगने की मांग की और कहा कि उनकी टिप्पणी से ‘देश के लोग आहत हुए हैं।’
पीएम मोदी ने राजीव गांधी को लेकर क्या दिया था बयान?
पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में एक चुनावी सभा में अपने भाषण में राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए राजीव गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'राजीव गांधी कांग्रेस के राजदरबारियों ने मिस्टर क्लीन बना दिया था, गाजे बाजे के साथ मिस्टर क्लीन-मिस्टर क्लीन चला था, लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया था।'