नई दिल्ली, 25 अप्रैल: नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। सोशल मीडिया पर आसाराम ट्रेंड कर रहे हैं। जोधपुर कोर्ट के फैसले पर हर कोई अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। ऐसे में कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से आसाराम के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला किया है। कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसाराम के साथ मंच साझा करते दिख रहे हैं। ट्वीट के कैप्शन में कांग्रेस पार्टी ने लिखा है- 'एक आदमी की पहचान उसकी संगत से होती है-ऐसोप फेबल्स।'
आसाराम के अलावा उसके दो सहयोगियों के भी अदालत ने रेप का दोषी पाया है। आसाराम के दोनों सहयोगी शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल जेल की सजा सुनाई है। सभी आरोपियों को एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आसाराम द्वारा नाबालिग से बलात्कार मामले की पूरी टाइमलाइन-
15 अगस्त 2013: जोधपुर स्थित मणाई गांव के पास फार्म हाउस में आसाराम बापू ने कथित तौर पर एक नाबालिग छात्रा का बलात्कार किया।
19 अगस्त 2013: पीड़िता और उसके माता-पिता ने नई दिल्ली के कमला नगर पुलिस स्टेशन में आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।19 अगस्त 2013: पुलिस ने 1 बजकर 5 मिनट पर पीड़िता का मेडिकल कराया। इसके बाद उसी दिन मामला दर्ज किया गया।
20 अगस्त 2013: धारा 164 के अंतर्गत पीड़िता के बयान दर्ज किया गया। जिसके बाद दिल्ली के कमला नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज जीरो एफआईआर को जोधपुर ट्रान्सफर किया गया।
21 अगस्त 2013: जोधपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद आसाराम के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 342, 376, 354 (ए), 506, 509 व 134 के तहत केस दर्ज हुआ।
31 अगस्त 2013: केस दर्ज होने के बाद जोधपुर पुलिस की टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से आसाराम को गिरफ्तार किया। आसाराम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 8 और जेजेए की धारा 23 व 26 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। 6 नवम्बर 2013: कोर्ट में पुलिस द्वारा आसाराम के खिलाफ चालान पेश किया गया। इसके बाद नवम्बर 29 को कोर्ट ने संज्ञान लिया।
13 फरवरी 2014: मुख्य आरोपी आसाराम और सहआरोपी शिल्पी, शरद, प्रकाश के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किए।
19 मार्च 2014 से 6 अगस्त 2016: इस दौरान पीड़िता पक्ष ने 44 गवाहों की गवाही कराई और इसके अलावा कोर्ट में 160 दस्तावेज पेश किए गए।
4 अक्टूबर 2016: जोधपुर कोर्ट में बलात्कार आरोपी आसाराम के बयान दर्ज किए गए। 22 नवम्बर 2016 से 11 अक्टूबर 2017: इस दौरान में बचाव पक्ष ने अदालत के समक्ष 31 गवाही दर्ज कराई, और साथ में 225 दस्तावेज पेश किए।
7 अप्रैल 2018: इस मामले में विशेष एससी-एसटी कोर्ट में बहस पूरी हो गई।
25 अप्रैल 2018: अदालत ने आसाराम बापू और दो अन्य अभियुक्तों को दोषी करार दिया। दो अभियुक्तों को अदालत ने बरी कर दिया।