कांग्रेस ने अमृतसर रेल दुर्घटना की जांच नहीं कराने के रेलवे के निर्णय पर रविवार को प्रश्न उठाया। इस दुर्घटना में रावण दहन देख रहे 59 लोग मारे गए थे और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी की पहली चिंता घायलों और अपनों को खोने वालों को राहत तथा उनका पुनर्वास है। रेलवे द्वारा इस घटना की जांच को खारिज करना ‘निर्दयता’ है।
सिंघवी ने कहा, ‘‘रेल मंत्री(रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा) की घटनास्थल के संक्षिप्त दौरे के बाद ही जांच से तात्कालिक अस्वीकृति बेहद निर्दयी प्रतीत होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कोई नहीं कह रहा है कि रेलवे की अथवा किसी और की गलती है। केवल एक जांच की मांग की जा रही है जिससे यह पता चल सके कि दुर्घटना किस प्रकार से हुई।’’
रेल मंत्री ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ही रेलवे को दोषमुक्त करार दिया साथ ही ट्रेन के चालक के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई अथवा घटना की जांच से इनकार कर दिया था।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि घटना अनधिकार प्रवेश की है ‘‘रेल हादसे’’ की नहीं । इसलिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा जांच नहीं कराई जाएगी जो कि रेल संबंधित दुर्घटनाओं की जांच करते हैं।
लोहानी ने रविवार को फेसबुक पोस्ट में घटना पर भारतीय रेलवे के पक्ष को बरकरार रखा।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम स्पष्ट बात कर रहे हैं। अगर भारतीय रेलवे की गलती नहीं है, अगर हमारे स्टाफ ने कुछ गलत नहीं किया तो उन्हें क्यों लटकाया जाए। अगर संगठन को फलने फूलने देना है तो हमें स्थिति का सामना करना होगा।’’
लोहानी ने रेलवे के स्टाफ का भी बचाव किया।
इस पर सिंघवी ने रेलवे और स्थानीय प्रशासन से कुछ प्रश्न किए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि ये आयोजन प्रति वर्ष होते हैं। फिर इस वर्ष क्या हुआ? क्या चौकीदार गायब था? हमें बताया गया है कि प्रत्येक वर्ष विशेष चेतावनी जारी की जाती है। क्या इस वर्ष भी वे जारी की गईं थीं?प्रत्येक वर्ष इस समय यहां से गुजरने वाली रेलगाड़ियों की गति मंद होती है, तो इस वर्ष क्या हुआ?
सिंघवी ने कहा, ‘‘इस बातों की जांच होनी चाहिए। आप जांच से इनकार कैसे कर सकते हैं? जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनके प्रति यह निर्दयता है।’’