कांग्रेस ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) के तौर पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति को लेकर मंगलवार को कई सवाल खड़े किए और कहा कि रावत के वैचारिक झुकाव का असर ‘गैर राजनीतिक संस्था’ सेना पर नहीं पड़ना चाहिए। पार्टी ने यह दावा भी किया कि इस मुद्दे पर सरकार ने पहला ही कदम गलत उठाया है।
मालूम हो कि पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किया गया है। सीडीएस के तौर पर रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर से शुरू हुआ है। रक्षा मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है। सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना होगा। सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी। जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था। वह मंगलवार को सेवानिवृत्त हो रहे थे।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बिपिन रावत जी के वैचारिक झुकाव का असर गैर राजनीतिक संस्था सेना पर नहीं पड़ना चाहिए।’’ पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘बहुत ही अफसोस और पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि सीडीएस के संदर्भ में सरकार ने पहला ही कदम गलत उठाया है। इस निर्णय के दुष्प्रभाव के बारे में समय बताएगा।’’
उन्होंने सवाल किया कि सरकार का यह फैसला परेशानियों और अस्पष्टताओं से क्यों भरा पड़ा है? उल्लेखनीय है कि सेना प्रमुख के पद से मंगलवार को सेवानिवृत्ति के बाद जनरल रावत ने नवगठित सीडीएस का पदभार संभाला है। उनकी नियुक्ति का आदेश सरकार द्वारा सोमवार को जारी किया गया था।