कांग्रेस ने की मांग- अडानी मामले में जेपीसी की घोषणा के साथ हो नए संसद भवन में कामकाज का आगाज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 13, 2023 16:01 IST2023-09-13T15:59:49+5:302023-09-13T16:01:21+5:30

कांग्रेस ने कहा है कि अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जेपीसी के गठन की घोषणा के साथ संसद के नए भवन में कामकाज का आगाज होना चाहिए।

Congress demanded work on new Parliament House should begin with announcement of JPC in Adani case | कांग्रेस ने की मांग- अडानी मामले में जेपीसी की घोषणा के साथ हो नए संसद भवन में कामकाज का आगाज

संसद का नए भवन (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ फिर खोला मोर्चाआरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कीकहा- संसद के नए भवन का कामकाज जेपीसी की घोषणा के साथ शुरू हो

नई दिल्ली: कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग बुधवार को फिर उठाई और कहा कि अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जेपीसी के गठन की घोषणा के साथ संसद के नए भवन में कामकाज का आगाज होना चाहिए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला भी दिया जिसमें कहा गया है कि अडानी समूह से संबंधित एक पूर्व कांट्रैक्टर ने उच्चतम न्यायालय से इस समूह से संबंधित मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है। अमेरिकी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडानी समूह के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगए जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमले और जेपीसी से जांच की मांग कर रही है।

अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था और उसका कहना था कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है। रमेश ने बुधवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कुछ दिन पहले अडाणी महाघोटाले की सही ढंग से जांच करने में सेबी की विफलता पर विस्तृत दस्तावेज के साथ उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई। अब अडाणी से संबंधित एक पूर्व कांट्रैक्टर करोड़ों निवेशकों के हित में इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति चाहता है। इस कांट्रैक्टर का कहना है कि उसके पास अंदरूनी जानकारी है।’

उन्होंने कहा, ‘यह सब जेपीसी से जांच की मांग को मजबूती देता है। यदि प्रधानमंत्री के पास वास्तव में छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जेपीसी की घोषणा के साथ नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत हो सकती है।’

बता दें कि कांग्रेस लंबे समय से मोदी सरकार पर अडानी को बचाने का आरोप लगा रही है। हाल ही में लगाए एक आरोप में कांग्रेस ने कहा था कि जनवरी 2014 में अडानी के खिलाफ SEBI और DRI में दो अलग-अलग जांचें चल रही थीं।  DRI ने अडानी पावर प्रोजेक्ट्स में कथित रूप से बढ़े हुए बिलों के सबूतों की एक सीडी के साथ SEBI को पत्र लिखा, जिसमें संदेह जताया गया कि हेराफेरी किया हुआ पैसा अडानी समूह के शेयरों में लगाया गया। मई 2014 में मोदी के सत्ता संभालने से ठीक पहले DRI ने अडानी के बारे में जानकारी हासिल करने की मांग भेजी थी। 3 साल बाद 2017 में DRI ने अडानी को बरी कर दिया और मामला बंद कर दिया।

(इनपुट - भाषा)

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