नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली के लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह से अनुपस्थित थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित किया था। जब प्रधानमंत्री बोल रहे थे तो उनके लिए चिह्नित लाल कुर्सी खाली दिखी। कांग्रेस के मुताबिक सुरक्षा कारणों से मल्लिकार्जुन खड़गे समारोह में शामिल नहीं हुए।
पार्टी अधिकारियों ने कहा, "यदि वह लाल किले के समारोह में शामिल हुए होते, तो वह अपने घर और पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण समारोह से चूक जाते। सुरक्षा कारणों से वह लाल किले पर आयोजित समारोह में शामिल नहीं हो सके। कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में दो घंटे लगते हैं और वह पहले नहीं निकल सकते थे।" पार्टी अधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख अपने घर और पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण समारोह में शामिल होंगे।
लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह से मल्लिकार्जुन खड़गे की अनुपस्थिति पर समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त थे। राजीव शुक्ला ने कहा, "मंत्रियों समेत कई लोग लाल किले तक नहीं पहुंच पाए। वह यहां (कांग्रेस मुख्यालय) झंडा फहराने आएंगे।"
पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा जाहिर तौर पर इस बात से नाराज है कि मल्लिकार्जुन खड़गे लाल किले पर पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने पूछा कि क्या पार्टी को स्वतंत्रता दिवस पर अपने कार्यालय में झंडा फहराने की आजादी नहीं है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "जाहिर तौर पर बीजेपी इस बात से नाराज है कि खरे जी पीएम के लाल किले के भाषण में मौजूद नहीं थे। क्या प्रधानमंत्री को इस बात का एहसास है कि उनकी मार्ग व्यवस्था के कारण खड़गे साहब के लिए ध्वजारोहण समारोह के लिए पार्टी मुख्यालय में समय पर पहुंचना असंभव हो गया होगा? क्या हमें स्वतंत्रता दिवस पर अपने मुख्यालय पर झंडा फहराने की आजादी नहीं है?"
इससे पहले पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से संबोधित किया और मध्यम वर्ग के उदय, महिला केंद्रित विकास, भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति सहित विभिन्न विषयों पर बात की। उनका भाषण 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे तक चला।