चौतरफा आलोचनाओं के बावजूद मोदी सरकार देश की महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को बेचने में जुटी है. मोदी सरकार की इस कोशिश पर मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने चुनिंदा पूंजीपति मित्रों के लिए देश की धरोहर को बेचने में जुटे है.
इंडियन ऑयल, बीपीसीएल, एनटीपीसी, एयर इंडिया जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को बेचने अथवा इनमें सरकार की हिस्सेदारी कम करने का फैसला कर चुकी मोदी सरकार कंटेनर कॉरपोरेशन को बेचने जा रही है. जिसके खिलाफ इस सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के कामगार राजनीतिक दलों के पास जाकर इंसाफ मांग रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि वे इस बहुमूल्य संस्था को बेचने की सरकार की कोशिश पर अंकुश लगाने में उनकी मदद करें.
इन कामगारों ने आज राहुल गांधी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा. राहुल ने इन कामगारों को भरोसा दिया कि वे पूरी ताकत से सरकार पर दबाव बनाएगें कि सरकार देश की विरासत को नेस्तनाबूद ना करें.
राहुल ने ट्वििट किया कि अत्याधिक लाभ देने वाली समारिक महत्व की कंटेनर कॉरपोरेशन जो एक बहुमूल्य इकाई है को अपने भूखे पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार इसे बेचने का फैसला कर रही है. कंटेनर कॉरपोरेशन एक नवरत्न कंपनी है जो रेल मंत्रालय के तहत काम करती है.
उल्लेखनीय है कि कंटेनर कॉरपोरेशन ही नहीं रेल मंत्रालय को ही निजी हाथों में सौंपने की भी तैयारी है. इसका ताजा उदाहरण तेजस रेलगाड़ी है जिसे रेलमंत्रालय ने निजी हाथों में सौंप दिया है. तेजस तो महज़ एक बानगी है, सरकार की निगाह पूरे मंत्रालय को निजी हाथों में सौंपने की है.
एयरपोर्ट एथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकांश हवाई अड्डे पहले ही निजी हाथों में सौंपे जा चुके है इनमें हवाई अड्डों का बड़ा हिस्सा अडानी समूह के पास है अब बारी हवाई अड्डों के बाद एयर इंडिया, सहित दूसरी नवरत्ना कंपनियों की है जिन्हें निजी हाथों में सौंपा जाना है.