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यूपी 69000 शिक्षक भर्ती: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया क्यों हो रही देरी, हमारी सारी प्रक्रिया पूरी

By गुणातीत ओझा | Updated: February 22, 2020 18:01 IST

उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती पर लंबे समय से अड़ंगा लगा हुआ है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। इस भर्ती को लेकर आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी तरफ से सारी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।

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ठळक मुद्दे69000 शिक्षक भर्ती के लंबित मामले पर योगी आदित्यनाथ ने कहा सरकारी प्रक्रिया हो चुकी है पूरीहाईकोर्ट की लखनऊ खण्ड पीठ में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियो की विशेष अपीलों पर हो रही सुनवाई

उत्तर प्रदेश सरकार की 69000 शिक्षक भर्ती लंबे समय से लटकी हुई है। मामले पर हाईकोर्ट में कई महीने से सुनवाई चल रही है, लेकिन अभी तक कोर्ट किसी निष्कर्ष पर नहीं आ सकी है। इस भर्ती में हो रही लेटलतीफी के सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि सरकार की तरफ से प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब जो समय लग रहा है वो न्यायिक प्रक्रिया में लग रहा है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर सुनवाई अभी तक पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 25 फरवरी रखी है।

बताते दे कि न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ के समक्ष इन अपीलों पर फाइनल सुनवाई जारी है। इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिये 45 और आरक्षित वर्ग के लिये 40 फीसदी रखे जाने के निर्देश सरकार को दिए गए थे। पक्षकारों के अधिवक्ताओं की बहस चल रही है।

हिन्दुस्तान समाचार पत्र के एक कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस भर्ती पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मामला कोर्ट में लंबित है और मामला तारीख पर तारीख का है। 

क्यों है विवाद

भर्ती परीक्षा के बाद योगी सरकार की ओर से अर्हता अंक समान्य वर्ग के लिए 65%और आरक्षित वर्ग के लिए 60% तय किए थे। जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुईं। यचियों के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा के सुझाव पर और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश के मद्देनजर अदालत ने मौखिक बहस को सीमित करने के लिए संबंधित पक्षकारों के वकीलों को अपनी लिखित बहस 23 जनवरी तक दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिससे मामले का जल्दी निस्तारण हो सके।

टॅग्स :योगी आदित्यनाथउत्तर प्रदेशउत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)
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